(२) अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी रोजगार की भाषा बनती जा रही हैं', इसपर अपने विचार
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आज हिंदी रोजगार की भाषा बनती जा रही है, इस बात में कोई संशय नहीं। हिंदी राष्ट्रीय स्तर हो या अंतरराष्ट्रीय स्तर, हर स्तर पर छाई हुई है। 80-90 के दशक के बाद जब तकनीकी क्रांति जोर पकड़ने लगी तो अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियों का भारत में आगमन हुआ। तकनीकी वस्तुओं का प्रचलन अधिक हुआ, कंप्यूटर-मोबाइल जैसे तकनीक उपकरणों आदि का वर्चस्व स्थापित हो गया। इन सब कार्यों अंग्रेजी का भरपूर उपयोग होता था तब ऐसा लगा कि अंग्रेजी छा जाएगी और हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ बल्कि हिंदी और आगे बढ़ी। हिंदी की लोकप्रियता और बढ़ी।
मीडिया जगत में अनेक हिंदी समाचार चैनलों के आगमन से पत्रकारिता के क्षेत्र में रोजगार की बिल्कुल भी कमी नहीं है। केवल समाचार चैनल ही नहीं हिंदी भाषा में किसी न किसी विषय पर नित नये चैनल आते ही रहते हैं। इस कारण हिंदी में प्रस्तुति देने वालों का तथा हिंदी से संबंधित कार्य करने वाले लोगों की इस क्षेत्र में निरंतर मांग हो रही है।
गूगल ने भी हिंदी का महत्व समझते हुए हिंदी पर काफी कार्य किया है और उसने हिंदी भाषा में बहुत सारे सामग्री उपलब्ध कराई है। माइक्रोसॉफ्ट कंप्यूटर के निर्माण के समय हिंदी को पूरा महत्व देता है और हिंदी फॉन्ट की उपलब्धता आज बेहद आसान हो गई है। अनेक की हिंदी वेबसाइटे है, जो हिंदी में पूर्ण कंटेंट उपलब्ध करा रही हैं।
यूट्यूब पर हिंदी छाई हुई है, ऐसे अनेक चैनल है, जो बेहद लोकप्रिय हैं। इसका कारण हिंदी है। अंग्रेजी में अगर ऐसे चैनल होते तो वह इतने लोकप्रिय नहीं हो पाते। इसके अतिरिक्त अनेक ऑनलाइन शैक्षणिक वेबसाइटें बनी हैं, जिनका कार्य शिक्षण कार्य है। उन्होंने भी हिंदी में अधिक से अधिक शिक्षण कार्य करने का प्रयास आरंभ कर दिया है ताकि उनकी पहुंच अधिक से अधिक लोगों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों तक हो सके।
हिंदी एक ऐसी भाषा है जो पूरे भारत में बड़ी आसानी से समझ ली जाती है। हिंदी विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इस भाषा के बोलने वालों की संख्या 50 करोड़ को पार कर गई है तथा इस भाषा को समझने वाले लोगों की संख्या पूरे विश्व में 1 अरब से भी ज्यादा है।
अतः हिंदी में निरंतर रोजगार की संभावनाएं बढ़ती ही जा रही है और वह समय गया जब लोग कहते थे कि अंग्रेजी रोजगार की भाषा है। अगर अंग्रेजी रोजगार की भाषा है तो हिंदी भी उससे कम नहीं और हिंदी में भी पर्याप्त रोजगार उपलब्ध हो रहे हैं।