अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर शीत युद्ध के प्रभाव का विश्लेषण कीजिए
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अंतरराष्ट्रीय राजनीति में प्रचार तथा कूटनीति के महत्व को समझा जाने लगा। इस तरह कहा जा सकता है कि शीतयुद्ध ने अंतरराष्ट्रीय सम्बन्धों पर व्यापक प्रभाव डाले। इसने समस्त विश्व का दो गुटों में विभाजन करके विश्व में संघर्ष की प्रवृति को बढ़ावा दिया। इसने शक्ति संतुलन के स्थान पर आतंक का संतुलन कायम किया।
Answer:
शीत युद्ध:
दूसरे महायुद्ध के खत्म होने के बाद, हमारे विश्व में दो महा शक्तियों का उदय हुआ। एक अमेरिका और दूसरा सोवियत संघ यानी के आज का रूस।
शीत युद्ध के कारण दुनिया दो गुटों में बढ़ गई। एक अमेरिका का नाटो नामक गुट और दूसरा रूस का वारसा नाम और गुट।
शीत युद्ध के कारण इन दोनों गुट के सदस्य देश एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए। जिसके कारण विश्व में अनेक समस्याएं उत्पन्न हो गई। जैसे,
१. सभी देश अपने अपने सैनिक ताकत बढ़ाने लगे।
२. एक ही गुट में रहने वाले देश आपस में सैन्य गठबंधन बनाने लगे।
३. आण्विक युद्धों का डर बढ़ गया।
४. दो विरोधी देश संयुक्त राष्ट्र के कार्यों में अपने हित के हिसाब से बाधा लाने लगे।