Science, asked by nandupv07, 7 months ago

“अंदर ही अंदर मेर बटुआ कॉप गया ‘ - ‘तुम कब जाओगे , अतिथि कहानी के आधर पर आशय स्पष्ट कीजिए

Answers

Answered by umashankarchourasia
5

Answer:

उसके khne ka मत्लब है कि uski आर्थिक स्थिति डगमगाने लगी थी

Answered by dikshaahire025
4

Explanation:

एक कहावत है, “अतिथि देवो भव”। इसका मतलब होता है कि अतिथि देवता के समान होता है। लेकिन जब लेखक के अतिथि ने तीसरे दिन कपड़े धुलवाने के बहाने यह इशारा कर दिया कि वह अभी और दिन रुकेगा तो लेखक की समझ में आया कि अतिथि हमेशा देवता नहीं होता। लेखक को लगने लगा कि अतिथि एक मानव होता है जिसमें राक्षस की प्रवृत्ति भी दिखाई देती है। इसी राक्षसी प्रवृत्ति के कारण अतिथि लंबे समय तक टिक जाता है और अलग-अलग तरीकों से मेजबान को दुखी करता रहता है।

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