अंधेखी बिटिया आफ्नी ma से क्या विनती
करती है।
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Answer:
माँ सारे दर्द सह कर सारी बातें सह कर, आज मैं जा रही हूँ माँ तुझे छोड़ कर
इसे ही मेरी विदाई समझ लेना माँ, पर कभी ये न सोचना की तेरी बेटी बुरी थी माँ
मुझे तेरे हर सपने का ख्याल था, उस दिन गलती मेरी न थी माँ
मेरी हर सहेली से ये न कहना की डर कर हार गयी, कही वो लड़की होने को गुनाह न समझ लें माँ
बहुत रोयेंगी मुझे वो इस तरह देखकर, उन्हें किसी तरह समझा देना की अब मैं खुश रहूंगी माँ
दरिन्दे बहुत हैं इस दुनिया में थोडा संभलकर रहना, बस तू उनसे इतना कह देना माँ
याद बहुत आएगा माँ, जब मैं छोटी थी और कितनी शरारत करती थी
और मुझे डांटकर फिर तू खुद रोती थी माँ
देकर तुझे आंसू ही जा रही हूँ पर अब तुझे और न रुलाउंगी माँ
दर्द बेबसी और शर्म बस यही तक थी
अब मैं जा रही हूँ माँ
जब जब बचपन की हर वो राखी याद आएगी,
आँख भैया की आंसुओ से भर जाएगी, चाह कर भी कुछ नहीं कर सकती अब मैं
इस बार भैया की कलाई सूनी रह जाएगी,
उनके माथे पर तिलक करने को माँ मेरी आत्मा तड़प जाएगी,
पर तू उन्हें यूं रोने न देना माँ
उनकी बहन उनके पास ही है कह कर उन्हें दिलासा देना माँ
यूं तो मुझे याद कर कर के पापा भी अकेले में बहुत रोयेंगे माँ
पर वो कभी अपने दिल का दर्द नहीं कहेंगे माँ,
उन्हें तू कभी अकेले में रोने न देना माँ,
अपनी बेबसी पे खुद को कोसेंगे वो
बचा न पाया अपनी गुड़िया को कह कह कर बहुत रोएंगे वो
उनकी लाडली अब परी बन जाएगी ये ही कह देना माँ
दिल तो उनका भी दुखेगा माँ ये सुन कर की अब उनकी लाडली उनसे कभी न बातियाएगी
वो शरारतें वो इठलाना वो हठ कर के अपनी हर बात मनवाना बीती बातें हो जाएंगी
सपने उनके भी टूटे कई हैं माँ
अफ़सोस उन्हें पूरा न कर सकी मैं माँ
मेरा अभिमान मेरा गुरूर थे वो माँ
मेरे गुरूर को तू टूटने न देना माँ, पापा को तू टूटने न देना माँ
अब अंत में तेरे लिए क्या कहूँ ऐ माँ
जानती हूँ सब तुझे बहुत ताने देंगे माँ
जितना दर्द तेरे अन्दर है उन्हें शब्दो में कैसे बाँधू
जीना तो बहुत चाहती हूँ पर ये ज़िंदगी दोबारा कैसे माँगू?
सब तुझे बातें सुनायेंगे
इतनी आजादी क्यूँ दी कह कर तुझे बहुत सताएंगे
पर तू मुझको समझना माँ
तेरी बेटी बुरी नहीं है माँ
अगले जन्म में फिर वापस आउंगी माँ
तेरी ही गोद में खेलूंगी माँ
इस बार माँ तू ये सब दर्द पी लेना
पर कभी ये न कहना
की “अगले जन्म मोहे बिटिया न देना”
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माँ सारे दर्द सह कर सारी बातें सह कर, आज मैं जा रही हूँ माँ तुझे छोड़ कर
इसे ही मेरी विदाई समझ लेना माँ, पर कभी ये न सोचना की तेरी बेटी बुरी थी माँ
मुझे तेरे हर सपने का ख्याल था, उस दिन गलती मेरी न थी माँ
मेरी हर सहेली से ये न कहना की डर कर हार गयी, कही वो लड़की होने को गुनाह न समझ लें माँ
बहुत रोयेंगी मुझे वो इस तरह देखकर, उन्हें किसी तरह समझा देना की अब मैं खुश रहूंगी माँ
दरिन्दे बहुत हैं इस दुनिया में थोडा संभलकर रहना, बस तू उनसे इतना कह देना माँ
याद बहुत आएगा माँ, जब मैं छोटी थी और कितनी शरारत करती थी
और मुझे डांटकर फिर तू खुद रोती थी माँ
देकर तुझे आंसू ही जा रही हूँ पर अब तुझे और न रुलाउंगी माँ
दर्द बेबसी और शर्म बस यही तक थी
अब मैं जा रही हूँ माँ
जब जब बचपन की हर वो राखी याद आएगी,
आँख भैया की आंसुओ से भर जाएगी, चाह कर भी कुछ नहीं कर सकती अब मैं
इस बार भैया की कलाई सूनी रह जाएगी,
उनके माथे पर तिलक करने को माँ मेरी आत्मा तड़प जाएगी,
पर तू उन्हें यूं रोने न देना माँ
उनकी बहन उनके पास ही है कह कर उन्हें दिलासा देना माँ
यूं तो मुझे याद कर कर के पापा भी अकेले में बहुत रोयेंगे माँ
पर वो कभी अपने दिल का दर्द नहीं कहेंगे माँ,
उन्हें तू कभी अकेले में रोने न देना माँ,
अपनी बेबसी पे खुद को कोसेंगे वो
बचा न पाया अपनी गुड़िया को कह कह कर बहुत रोएंगे वो
उनकी लाडली अब परी बन जाएगी ये ही कह देना माँ
दिल तो उनका भी दुखेगा माँ ये सुन कर की अब उनकी लाडली उनसे कभी न बातियाएगी
वो शरारतें वो इठलाना वो हठ कर के अपनी हर बात मनवाना बीती बातें हो जाएंगी
सपने उनके भी टूटे कई हैं माँ
अफ़सोस उन्हें पूरा न कर सकी मैं माँ
मेरा अभिमान मेरा गुरूर थे वो माँ
मेरे गुरूर को तू टूटने न देना माँ, पापा को तू टूटने न देना माँ
अब अंत में तेरे लिए क्या कहूँ ऐ माँ
जानती हूँ सब तुझे बहुत ताने देंगे माँ
जितना दर्द तेरे अन्दर है उन्हें शब्दो में कैसे बाँधू
जीना तो बहुत चाहती हूँ पर ये ज़िंदगी दोबारा कैसे माँगू?
सब तुझे बातें सुनायेंगे
इतनी आजादी क्यूँ दी कह कर तुझे बहुत सताएंगे
पर तू मुझको समझना माँ
तेरी बेटी बुरी नहीं है माँ
अगले जन्म में फिर वापस आउंगी माँ
तेरी ही गोद में खेलूंगी माँ
इस बार माँ तू ये सब दर्द पी लेना
पर कभी ये न कहना
की “अगले जन्म मोहे बिटिया न देना”