अंधेरे के इलाके में किरण मांगा नहीं करते
जहाँ हो कंटकों का वन, सुमन माँगा नहीं करते।
जिसे अधिकार आदर का, झुका लेता स्वयं मस्तक
नमन स्वयमेव मिलते हैं, नमन माँगा नहीं करते
परों में शक्ति हो तो नाप लो उपलब्ध नभ सारा
उड़ानों के लिए पंछी, गगन माँगा नहीं करते।
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अँधेरे के इलाके में किरण माँगा नहीं करते जहाँ हो कंटको का वन, सुमन माँगा नहीं करते । जिसे अधिकार आदर का, झुका लेता स्वयं मस्तक नमन स्वयमेव मिलते हैं, नमन माँगा नहीं करते । परो में शक्ति हो तो नाप लो, उपलब्ध नभ सारा उड़ानो के लिए पंछी, गगन माँगा नहीं करते ।
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अँधेरे के इलाके में किरण माँगा नहीं करते जहाँ हो कंटको का वन, सुमन माँगा नहीं करते । जिसे अधिकार आदर का, झुका लेता स्वयं मस्तक नमन स्वयमेव मिलते हैं, नमन माँगा नहीं करते । परो में शक्ति हो तो नाप लो, उपलब्ध नभ सारा उड़ानो के लिए पंछी, गगन माँगा नहीं करते ।
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