Hindi, asked by satish35070, 7 months ago

अंधेर नगरी नाटक की तात्विक समीक्षा कीजिए​

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Answered by Anonymous
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Answer:

अंधेर नगरी नाटक की तात्विक समीक्षा यह है कि किसी भी नगर का राजा मूर्ख नहीं होना चाहिए अन्यथा vahi राजा पूरे नगर के विनाश का कारण बन जायेगा।।।।

Answered by Rameshjangid
0

'अंधेर नगरी' नाटक की रचना को बिहार के किसी रजवाड़े को आधार बनाकर की गई है। इस साहित्य के लेखक भारतेंदु जी है।

अंधेर नगरी नाटक की समीक्षा -

  • भारतेंदु जी ने एक ही रात में इस साहित्य को लिखकर पूरा कर दिया था।
  • भारतेंदु ने इस साहित्य की रचना बनारस के हिंदू नेशनल थिएटर के लिए की थी।
  • इस नाटक में रजवाड़े का राजा निकम्मा और नशेबाज है जिसे राजकाज और जनता की भलाई के बारे में कुछ भी नहीं पता है।
  • वह न्याय और अन्याय भेद के भेद को भी नहीं समझता है।
  • इस नाटक के जरिए ऐसे विवेकहीन और निरंकुश शासन व्यवस्था पर व्यंग्य किया गया है जो अपने ही कर्मों के द्वारा नष्ट हो जाता है।

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