अंधाधुंध बढ़ती जनसंख्या ने क्या - क्या समस्याएँ उत्पन्न कर दी है
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गोड्डा : बढ़ती जनसंख्या से परिस्थितियां प्रतिकूल हो रही है। प्रतिवर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। मकसद लोगों को जनसंख्या वृद्धि से हो रहे परेशानी से अवगत कराना होता है। जिले में भी हाल के दशक में जनसंख्या वृद्धि तेजी से हुई है जिसका असर संसाधन के साथ विकास पर पड़ रहा है। बेरोजगारी बढ़ रही है। बढ़ती जनसंख्या के कारण प्रति व्यक्ति कृषि जोत कम हो रही है। मौजूदा समय में सांख्यिकी विभाग के आकलन के अनुमान जिले की जनसंख्या 15 लाख के पार हो चुकी है। बढ़ती जनसंख्या अब लोगों के जीवन में कई तरह की समस्या उत्पन्न कर रही है। इसके कारण प्राकृतिक संसाधनों का अत्याधिक दोहन हो रहा है, पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है। नियंत्रित जनसंख्या से जहां विकास की गति तेज होती है, वहीं पर्यावरण संरक्षित रहने के साथ ही लोगों की जरूरतें पूरी होने में परेशानी नहीं होती है। लेकिन वर्तमान स्थिति इसके विपरित है। जमीन नहीं बढ़ रही है लेकिन जनसंख्या में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। प्रौद्योगिकी ने मानव को पृथ्वी पर जीवित रहने व आगे बढ़ने में मदद की है। इसमें पर्यावरण ने भी फलने फूलने का साधन दिया है। दूसरी ओर प्रौद्योगिकी के गलत उपयोग से वन्य जीवन नष्ट हो रहे हैं। वहीं संसाधनों का दोहन बढ़ रहा है। जानकार मानते है अगर समय रहते जनसंख्या नियंत्रण नहीं हुआ तो गंभीर समस्या लोगों को झेलनी पड़ेगी।