अंधकरा की गुहा सरीखी
उन आॅखों से डरता है मन
भरा दूर तक उनमें दारुण
दैन्य दुख का नीरव रोदन!
(क) काव्यांश का सौन्दर्य बोध स्पष्ट कीजिए।
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u r from kv
CBSE boy. hope information is right
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