अंधविश्वास का वर्तमान परिवेश में क्या महत्व है ? इस विषय पर अपने विचार व्यक्त करें ।
Answers
Answer:
2. आदिम मनुष्य अनेक क्रियाओं और घटनाओं के कारणों को नहीं जान पाता था। वह अज्ञानवश समझता था कि इनके पीछे कोई अदृश्य शक्ति है। वर्षा, बिजली, रोग, भूकंप, वृक्षपात, विपत्ति आदि अज्ञात तथा अज्ञेय देव, भूत, प्रेत और पिशाचों के प्रकोप के परिणाम माने जाते थे। ज्ञान का प्रकाश हो जाने पर भी ऐसे विचार विलीन नहीं हुए, प्रत्युत ये अंधविश्वास माने जाने लगे। आदिकाल में मनुष्य का क्रिया क्षेत्र संकुचित था इसलिए अंधविश्वासों की संख्या भी अल्प थी। ज्यों ज्यों मनुष्य की क्रियाओं का विस्तार हुआ त्यों-त्यों अंधविश्वासों का जाल भी फैलता गया और इनके अनेक भेद-प्रभेद हो गए। अंधविश्वास सार्वदेशिक और सार्वकालिक हैं। विज्ञान के प्रकाश में भी ये छिपे रहते हैं। अभी तक इनका सर्वथा उच्द्वेद नहीं हुआ है। भारत में अंध विश्वास की जड़े बहुत गहरी हो चुकी हैं, ब्राह्मण साहित्य का इसमें प्रमुख योगदान है l
3. बच्चे समाज के सबसे तबके में शामिल होते हैं, और राष्ट्र सबसे महत्वपूर्ण सम्पत्ति समझे जाते हैं। विशेष तौर पर वंचित बच्चों के लिए बने सुरक्षा और विकास कार्यक्रमों को सभी बच्चों के लिए एक समान अवसर सुनिश्चित करना चाहिए ताकि उनका सर्वोकृष्ट व्यक्तिगत विकास हो सके। इस लेख में बच्चों से सम्बन्धित राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय नीतियाँ, कार्यक्रम व कन्वेंशन की चर्चा है।
Answer:
mujhe nhi pta
Explanation: