Hindi, asked by PrinceEdward1437, 1 year ago

अंधविश्वास पर निबंध। Essay on Andhvishwas in Hindi

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Answered by chinmaygrandhi
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Answer:

    अंधविश्वास के कारण- हर व्यक्ति को अपने जीवन में कोई न कोई समस्या होती है जिससे वह जल्दी से जल्दी से निजात पाना चाहता है और ऐसे में उसे यदि समस्या का हल करने वाले पाखंडी बाबा मिल जाते हैं तो वह उनपर अंधविश्वास करने लगता है। ये पाखंडी बाबा कहते हैं कि वो प्रेम विवाह, जायदाद संबधी समस्या, संतान सुख प्राप्ती आदि कि समस्या से छुटकारा दिला सकते हैं। अंधविश्वास की शिकार मुख्य रूप से महिलाएँ पाई जाती है।

अंधविश्वास के नुकसान- अंधविश्वास से मनुष्य को जान माल और इज्जत की हानि होती है। व्यक्ति इतना ज्यादा अंधविश्वासी हो चुका होता है कि वह हर काम पाखंडी बाबा के कहने के अनुसार करता है जिससे ये तांत्रिक उनसे मोटी रकम वसुलते है और कई बार बच्चों की बली भी देते हैं। जो महिलाएँ अपनी समस्या के समाधान को लिए बाबा के पास जाती है वो कई बार अपनी इज्जत भी गवाँ बैठती है।

अंधविश्वास को रोकने के उपाय- सरकार द्वारा काला जादु और नर बली पर प्रतिबंध लगाया गया है लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है लोगों में जागरूकता होना और उनकी सोच। लोगों को सारी चीजों को विग्यान से जोड़कर विचार विमर्श करके ही किसी पर विश्वास करना चाहिए और उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि भाग्य को कोई भी तांत्रिक नहीं बदल सकता है वह केवल निर्माता के हाथ में है।

निष्कर्ष- अंधविश्वास समाज में फैलती हुई बुराई है जिसे छुटकारा पाने के लिए लोगो में जागरूकता का होना आवश्यक है अन्यथा बहुत से लोग अपना धन और इज्जत गवाँ बैठेंगे।

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Answered by harshraj7529
40

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Explanation:

आज की 21वीं सदी में भी देश में अनेक लोग अंधविश्वास में यकीन करते है। ऐसे लोग अक्सर बाबाओ, साधुओं, तांत्रिकों के बहकावे में आकर अपना धन, इज्जत गवां बैठते है। देश में स्त्रियाँ अधिक अंधविश्वास का शिकार है। हमें अंधविश्वास के विषय में जानना बहुत ही आवश्यक है।

अधिकतर स्त्रियाँ पुत्र, सन्तान पाने के लिए बाबाओ के चक्कर लगाती है। ऐसे बाबा, साधु भोली भाली औरतों से मोटी रकम वसूलते है। कई बार उनकी इज्जत पर भी खतरा उठ जाता है। इसलिए कभी भी ऐसे पाखंडी लोगो के बहकावे में नही आना चाहिये। ऐसे लोग हमारे मन में भय पैदा करके अनुचित लाभ उठाते है।

आज भी हमारे समाज में अंधविश्वास को अनेक लोग मानते है। बिल्ली द्वारा रास्ता काटने पर रुक जाना, छीकने पर काम का न बनना, उल्लू का घर की छत पर बैठने को अशुभ मानना, बायीं आँख फड़कने पर अशुभ समझना, नदी में सिक्का फेंकना ऐसी अनेक धारणाएं आज भी हमारे बीच मौजूद है।

आज भी देश में अनेक औरतों को “डायन” बताकर मार दिया जाता है। आश्चर्य की बात है की ऐसे अंधविश्वास में अनपढ़ के साथ-साथ पढ़े लिखे लोग भी पड़ जाते है। इससे कोई लाभ नही होता। सिर्फ नुकसान ही होता है।

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