A2) स्वमत :-
'जीवन सुख - दुख का संगम है" इस पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
Answers
जीवन सुख दुख का संगम है। (विचार)
जीवन सुख और दुखों का ही संगम है। सुख और दुख इस जीवन के दो पहलू हैं। सुख आएगा, दुख जाएगा। दुख आएगा, सुख जाएगा। यह जीवन का एक चक्र है।
इस संसार में कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं, जिसके जीवन में केवल सुख ही सुख रहे हों अथवा इस संसार में कोई व्यक्ति ऐसा नहीं है, जिसके जीवन में केवल दुख ही दुख रहे हों। ऐसा अवश्य हो सकता है कि किसी के जीवन में सुखों की मात्रा अधिक एवं दुखों की मात्रा कम हो और किसी के जीवन में दुखों की मात्रा अधिक एवं सुखों की मात्रा कम हो। लेकिन सुख और दुख के सबके जीवन में आते जाते रहे हैं। इसीलिए हमें सुख एवं दुख को समान आपसे तरह करना चाहिए।
दुख की घड़ी में सुख को पाने की आशा रखते हुए दुखों का दृढ़ता पूर्वक सामना करना चाहिए। मन में यह आशा रखनी चाहिए कि अब आने वाला समय सुखों का है। सुखों के समय हमें दुखों के किसी भी समय तो आने के लिए तैयार रहना चाहिए। इसीलिए मन में यह भ्रम नही पालना चाहिए कि यह सुख हमेशा बना रहेगा। इसीलिए हमें सुख एवं दुख दोनों के स्वागत के लिए सदैव तैयार लेना चाहिए, यही जीवन का सार है।