Hindi, asked by sakshisingh8029, 6 months ago

(आ) 'बैजू बावरा संगीत का सच्चा पुजारी हैं', इस विचार को स्पष्ट कीजिए।​

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Answered by JONE45AVENGERS
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तानसेन अकबर के दरबार के नौ रत्नों में गिने जाते थे। इसी काल में बैजू बावरा की संगीत साधना चरमोत्कर्ष पर थी। किंवदंती है कि अकबर ने अपने दरबार में एक संगीत प्रतियोगिता किया आयोजन रखा। इस प्रतियोगिता की यह शर्त थी कि तानसेन से जो भी मुक़ाबला करेगा, वह दरबारी संगीतकार होगा और हारे हुए प्रतियोगी को मृत्युदंड दिया जाएगा।

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बैजू बावरा

बैजू बावरा (१५४२-१६१३) भारत के ध्रुपदगायक थे। उनको बैजनाथ प्रसाद और बैजनाथ मिश्र के नाम से भी जाना जाता है। वे ग्वालियर के राजा मानसिंह के दरबार के गायक थे और अकबर के दरबार के महान गायक तानसेन के समकालीन थे। उनके जीवन के बारे में बहुत सी किंवदन्तियाँ हैं जिनकी ऐतिहासिक रूप से पुष्टि नहीं की जा सकती है।

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Answered by shivpasi868989
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Explanation:

Baiju Baiju bawra Sangeet ka saccha pujari hai is vichar per spasht kijiye

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