आ + गम् अव + गम्
प्र + भू
उत + पत्
प्रति + दिनम्
उप + गम्
प्र + ह्र
अनु + गम्
उप + दिश्
अनु + कृ
वि + चर्
प्र + विश्
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मूलशब्द—व्याकरण—संधिरहित मूलशब्द—व्युत्पत्ति—हिन्दी अर्थ
प्याट्—अव्य॰—-—प्याय्+डाटि (बा॰)—हो, अहो आदि अव्यय जो बुलाने या पुकारने के लिए व्यवहृत होते हैं
प्याय्—भ्वा॰ आ॰ <प्यायते>, <प्यान>, <पीन>—-—-—फूलना, मोटा होना, बढ़ना
प्यायनम्—नपुं॰—-—प्याय्+ल्युट्—वर्धन, वृद्धि
प्यायित—वि॰—-—प्याय्+क्त—वर्धित, वृद्धि को प्राप्त
प्यायित—वि॰—-—प्याय्+क्त—जो मोटा हो गया हो
प्यायित—वि॰—-—प्याय्+क्त—विश्रान्त, सशक्त किया हुआ
प्यै—भ्वा॰ आ॰<प्यायते>, <पीन>—-—-—बढ़ना, वृद्धि को प्राप्त होना, मोटा होना
प्यै—भ्वा॰ आ॰<प्यायते>, <पीन>—-—-—पुष्कल होना, समृद्ध
प्यै—प्रेर॰ <प्याययति>, <प्याययते>—-—-—बढ़ाना
प्यै—प्रेर॰ <प्याययति>, <प्याययते>—-—-—बड़ा करना, मोटा बनाना, सुखी करना
प्यै—प्रेर॰ <प्याययति>, <प्याययते>—-—-—तृप्त करना, इच्छानुसार संतुष्ट करना
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