आ. काव्यांश को ध्यान पूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
मातृभूमि करती है सबका लालन सदा मृत्यु पर्यंत,
जिसके दया-प्रवाहों का होता न कभी सपने में अंत।
मर जाने पर कण देहों के इसमें ही मिल जाते हैं,
हिंदू जलते , यवन-ईसाई शरण इसी में पाते हैं।
एसी मातृभूमि मेरी है स्वर्णलोक से भी प्यारी,
उसके चरण-कमल पर मेरा तन-मन-धन सब बलिदारी।
१. मातृभूमि सबका लालन-पालन कब तक करती है?
२. 'कमल' शब्द किसका पर्यायवाची है?
३. मर जाने पर देह के कण किसमें मिल जाते हैं।
४. मातृभूमि के चरण-कमल पर कवि क्या-क्या बलिदान कर रहे हैं?
किन गदरा
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1-matrbhoomi sabka lalan palan sada mrityu tak karti hai
2-pankaj
3-
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