(आ) निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
दादुर धुनि चहुँ दिशा सुहाई। बेद पढ़हिं जनु बटु समुदाई।।
नव पल्लव भए बिटप अनेका। साधक मन जस मिले बिबेका।।
अर्क-जवास पात बिनु भयऊ। जस सुराज खल उद्यम गयऊ।।
खोजत कतहुँ मिलइ नहिं धूरी। करइ क्रोध जिमि धरमहिं दूरी।।
ससि संपन्न सोह महि कैसी। उपकारी के संपति जैसी।।
निसि तम घन खद्योत बिराजा। जनु दंभिन्ह कर मिला समाजा।।
कृषी निरावहिं चतुर किसाना। जिमि बुध तजहिं मोह-मद-माना।।
देखिअत चक्रबाक खग नाहीं। कलिहिं पाइजिमि धर्म पराहीं।।
विविध जंतु संकुल महि भ्राजा। प्रजा बाढ़ जिमि पाई सुराजा।।
जहँ-तहँ रहे पथिक थकि नाना। जिमि इंद्रिय गन उपजे ग्याना।।
(1) उत्तर लिखिए :
इनकी तुलना की गई है, इनसे
(i) रात के अंधकार में जुगनू
(i) ससि (अनाज) से
भरपूर धरती
(ii) कृषि को निराने वाले किसान
(iv) दिखाई न देने वाला चक्रवाक
Answers
Answered by
0
Answer:
कृति१) रुवमत अभिव्यक्त
"रुवरुथ शरीर में रुवरुथ मनका वास होता है,"विषय पर रुवमत लिखिए
Similar questions