आंतकवाद एक विकराल समस्या
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Essay on Terrorism In Hindi:आतंकवाद एक ऐसी समस्या हैं जिसका भारत में हम कई दशकों से सामना कर रहे हैं. आज आतंकवाद एक ऐसी समस्या माना जाता हैं. जो न केवल राष्ट्रिय बल्कि अंतराष्ट्रीय राजनीती को भी अस्थिर कर सकती हैं. जिन कारको ने आतंकवाद को कट्टरपंथीयों द्वारा अवांछित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए इसे महत्वपूर्ण हथियार बनाया. वे हैं. उद्देश्य में दृढ विशवास, कट्टरता, अपने सरगनाओं के प्रति निष्ठा, हिंसात्मक आदर्शवाद आदर्शवाद आत्म बलिदान की इच्छा तथा विदेशो से मिलती वित्तीय सहायता आदि.
आतंकवाद पर निबंध(Aatankwad Essay In Hindi)
आतंकवाद क्या हैं ?-आतंकवाद एक हिंसक व्यवहार हैं जो समाज या उसके बड़े भाग में राजनितिक उद्देश्यों से भय पैदा करने के उद्देश्य से किया जाता हैं. यह राज्य या समाज के विरुद्ध होता हैं. यह अवैध और गैर क़ानूनी होता हैं. यह न केवल निशाना बनाया जाने वाले व्यक्ति आपितु सामान्य व्यक्तियों को डराने और बेबसी व लाचारी की भावना पैदा करता हैं.
आतंकवाद के उद्देश्य-आतंकवादियो का मुख्य उद्देश्य अपनी विचारधारा का प्रचार करना हैं. इस प्रक्रिया में यह विचार जन-समर्थन प्राप्त करना चाहता हैं. वह शासन की सैन्य शक्ति व मनो वैज्ञानिक शक्ति को विघटित करना चाहता हैं. आतंकवाद किसी भी देश/क्षेत्र की आंतरिक स्थिरता तोड़ना और उसके सतत विकास को रोकना चाहता हैं. वह अपने विचार रूपी आन्दोलन को बढ़ाना चाहता हैं. इस आन्दोलन की रूकावट चाहे वो व्यक्ति हो या सस्था उसे हटाने की कोशिश करता हैं. यह शासन को प्रतिक्रिया दिखाने के लिए उकसाता हैं.
भारत में आतंकवाद समस्या & हमले-
” अहिंसा परमोधर्म: तथा “वसुधैव कुटुम्बकम” जैसे महामानवता वादी सिद्दांत वाले हमारे देश भारत में पिछले अनेक वर्षो से साम्प्रदायिक हिंसा तथा आतंकवाद विकराल समस्या बनी हुई हैं. बंगाल में नक्सलियों द्वारा की गईं हिंसा आगे जाकर पंजाब में खालिस्तान बनाने की मांग के चलते असंख्य बेगुनाहों का रक्तपात हुआ. आज देश में जम्मू कश्मीर, असम, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, त्रिपुरा तथा उत्तर भारत के अनेक शहर आतंकवादियो के निशाने पर रहते हैं. बीते वर्षो में हमारी संसद पर किया गया आतंकवाद हमला एक प्रकार से हमारे सविधान तथा हमारे स्वाभिमान पर किया गया हमला था. यदि समय रहते हमारे जवानों ने उन आतंकवादियों को काबू में न किया होता तो हम कल्पना कर सकते हैं, उसके कितने भयानक दुष्परिणाम हो सकते थे.
आतंकवाद का कारण-
यह सच हैं कि बेकारी तथा बेरोजगारी के कारण परेशान युवाओं को धन का लालच देकर तथा धर्म के नाम पर उकसाने तथा आतंकवादी बनने का काम धार्मिक कट्टरपंथी संस्थाएँ करती रहती हैं. ये संस्थाए अपने द्वारा प्रशिक्षित आतंकवादियों के माध्यम से देश में अस्थिरता का वातावरण बनाते रहते हैं. मुंबई, दिल्ली, जयपुर तथा अहमदाबाद में आतंकवादियो द्वारा “सीरियल ब्लास्ट” तथा “साइकिल बम ब्लास्ट” जैसी घटनाओं ने देश को झंकझोर कर रख दिया. इसलिए आज आतंकवाद के खिलाफ कठोरता से पेश आने की आवश्यकता हैं.
आतंकवाद को नियंत्रित करने के उपाय-
राष्ट्रीय समस्याओं पर आम सहमती तैयार की जानी चाहिए. न्याय व्यवस्था से सम्बन्धित सुधार करना, शासक और जनता में संवाद को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, पुलिस तथा सुरक्षा बलों को अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया जाना चाहिए तथा शिक्षा एवं रोजगार की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए.आतंकवादी जब अपने आत्मघाती हथियारों तथा बमों से लोगों के घर उजाड़ते हैं तब यही कहने को मन करता हैं कि,
‘लोग सारी उम्र लगा देते हैं एक घर बनाने में |
उनको शर्म नही आती बस्तियाँ जलाने में || “
आतंकवाद पर निबंध(Aatankwad Essay In Hindi)
आतंकवाद क्या हैं ?-आतंकवाद एक हिंसक व्यवहार हैं जो समाज या उसके बड़े भाग में राजनितिक उद्देश्यों से भय पैदा करने के उद्देश्य से किया जाता हैं. यह राज्य या समाज के विरुद्ध होता हैं. यह अवैध और गैर क़ानूनी होता हैं. यह न केवल निशाना बनाया जाने वाले व्यक्ति आपितु सामान्य व्यक्तियों को डराने और बेबसी व लाचारी की भावना पैदा करता हैं.
आतंकवाद के उद्देश्य-आतंकवादियो का मुख्य उद्देश्य अपनी विचारधारा का प्रचार करना हैं. इस प्रक्रिया में यह विचार जन-समर्थन प्राप्त करना चाहता हैं. वह शासन की सैन्य शक्ति व मनो वैज्ञानिक शक्ति को विघटित करना चाहता हैं. आतंकवाद किसी भी देश/क्षेत्र की आंतरिक स्थिरता तोड़ना और उसके सतत विकास को रोकना चाहता हैं. वह अपने विचार रूपी आन्दोलन को बढ़ाना चाहता हैं. इस आन्दोलन की रूकावट चाहे वो व्यक्ति हो या सस्था उसे हटाने की कोशिश करता हैं. यह शासन को प्रतिक्रिया दिखाने के लिए उकसाता हैं.
भारत में आतंकवाद समस्या & हमले-
” अहिंसा परमोधर्म: तथा “वसुधैव कुटुम्बकम” जैसे महामानवता वादी सिद्दांत वाले हमारे देश भारत में पिछले अनेक वर्षो से साम्प्रदायिक हिंसा तथा आतंकवाद विकराल समस्या बनी हुई हैं. बंगाल में नक्सलियों द्वारा की गईं हिंसा आगे जाकर पंजाब में खालिस्तान बनाने की मांग के चलते असंख्य बेगुनाहों का रक्तपात हुआ. आज देश में जम्मू कश्मीर, असम, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, त्रिपुरा तथा उत्तर भारत के अनेक शहर आतंकवादियो के निशाने पर रहते हैं. बीते वर्षो में हमारी संसद पर किया गया आतंकवाद हमला एक प्रकार से हमारे सविधान तथा हमारे स्वाभिमान पर किया गया हमला था. यदि समय रहते हमारे जवानों ने उन आतंकवादियों को काबू में न किया होता तो हम कल्पना कर सकते हैं, उसके कितने भयानक दुष्परिणाम हो सकते थे.
आतंकवाद का कारण-
यह सच हैं कि बेकारी तथा बेरोजगारी के कारण परेशान युवाओं को धन का लालच देकर तथा धर्म के नाम पर उकसाने तथा आतंकवादी बनने का काम धार्मिक कट्टरपंथी संस्थाएँ करती रहती हैं. ये संस्थाए अपने द्वारा प्रशिक्षित आतंकवादियों के माध्यम से देश में अस्थिरता का वातावरण बनाते रहते हैं. मुंबई, दिल्ली, जयपुर तथा अहमदाबाद में आतंकवादियो द्वारा “सीरियल ब्लास्ट” तथा “साइकिल बम ब्लास्ट” जैसी घटनाओं ने देश को झंकझोर कर रख दिया. इसलिए आज आतंकवाद के खिलाफ कठोरता से पेश आने की आवश्यकता हैं.
आतंकवाद को नियंत्रित करने के उपाय-
राष्ट्रीय समस्याओं पर आम सहमती तैयार की जानी चाहिए. न्याय व्यवस्था से सम्बन्धित सुधार करना, शासक और जनता में संवाद को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, पुलिस तथा सुरक्षा बलों को अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया जाना चाहिए तथा शिक्षा एवं रोजगार की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए.आतंकवादी जब अपने आत्मघाती हथियारों तथा बमों से लोगों के घर उजाड़ते हैं तब यही कहने को मन करता हैं कि,
‘लोग सारी उम्र लगा देते हैं एक घर बनाने में |
उनको शर्म नही आती बस्तियाँ जलाने में || “
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