आंतरशालेय चित्रकला प्रदर्शनी इस विषय पर मुद्दों के आधार पर वर्णन तथा लेखन करे
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- किसी भी चित्रकार द्वारा बनाए गए चित्र सिर्फ कला के प्रति उसके हुनर का प्रदर्शन ही नहीं करते हैं बल्कि उसके चित्र रंगों के माध्यम से समाज में फैली बुराइयों पर कटाक्ष भी करते हैं और यह रंगीन, काले सफेद चित्र इन बुराईयों को दूर करने का संदेश भी देते हैं।
- अल्मोड़ा। अंतरराष्ट्रीय कला दिवस पर कुमाऊं विश्वविद्यालय के एसएसजे परिसर अल्मोड़ा के चित्रकला विभाग दृश्यकला संकाय में तीन दिवसीय कला प्रदर्शनी शुरू हो गई है। प्रदर्शनी में बीए, एमए (चित्रकला), बीएफए, एमएफए के छात्र-छात्राओं और शोधार्थियों की बनाई कृतियां लगाई गई हैं। इस मौके पर छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए।
- मुख्य अतिथि प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने कहा कि कला अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। उन्होंने छात्रों और शोधार्थियों द्वारा बनाई गई पेंटिंग की सराहना की और कहा कि चित्रकार अपनी कला के माध्यम से ज्वलंत मुद्दों को सशक्त तरीके से उठाता है। विशिष्ट अतिथि प्रो. एसए हामिद और प्रो. शेखर चंद्र जोशी ने कहा कि कला ही जीवन का आधार है। प्रदर्शनी में पहले दिन मनीष जोशी की नागा सीरीज, दीपक साहनी का महामंत्री विदुर और दृश्य चित्र, योगेश डसीला की ग्रामीण परिदृश्य और किसान का जीवन, ममता का वायलिन गर्ल, चांदनी का बुद्धा, नीलम का गणेश जी, कंचन का कलर इल्यूजन, स्वाति पपनै के ऐपण, संजय कुमार और देवेश बिष्ट के चित्र प्रदर्शनी में लगाए गए थे।
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