Hindi, asked by shailja1574, 9 months ago

(आ) 'तत्सत' शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।​

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Answered by shailajavyas
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Answer: "तत्सत" एक प्रतीकात्मक कहानी है । जिसके अंतर्गत लेखक जैनेंद्र कुमार ने दर्शाया है की प्रकृति की प्रत्येक वस्तु अपने आप में एक विशिष्टता कीे द्योतक हैं। वन के उदाहरण के माध्यम से लेखक ने सकल जीव जंतुओं में विशिष्टता होने पर भी शक्ति और ज्ञान तथा बुद्धि के अहम का अभाव दर्शाया है । मनुष्य में यह अभिमान कूट कूट कर भरा हुआ है। मनुष्य का अहम इतना प्रबल होता है कि वह दूसरे की सत्ता का अस्वीकार कर देता हैं। प्रतीकात्मक रूप से लेखक ने जंगल के सृष्टि जगत को वन की प्राप्ति पर होने पर "तुम ही वह हो " मैं नहीं हूं।"यह दर्शाते हुए "तत्सत" (तुम ही सत्य हो ) शीर्षक की सार्थकता सिद्ध की हैं ।

Answered by jaiswalsimran275
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Answer:

मनुष्य में यह अभिमान कूट कूट कर भरा हुआ है। मनुष्य का अहम इतना प्रबल होता है कि वह दूसरे की सत्ता का अस्वीकार कर देता हैं। प्रतीकात्मक रूप से लेखक ने जंगल के सृष्टि जगत को वन की प्राप्ति पर होने पर "तुम ही वह हो " मैं नहीं हूं। "यह दर्शाते हुए "तत्सत" (तुम ही सत्य हो ) शीर्षक की सार्थकता सिद्ध की हैं ।

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