Hindi, asked by Misslaku9034, 17 days ago

आंधी के कारण पेड़ से आम गिर गए (यह कौन सी क्रिया है और क्यों? कृपया मुझे बताओ।​

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Answered by shreyamangla9
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Explanation:

मौसम इस बार किसानों की खूब परीक्षा ले रहा है। हर दो से तीन में मौसम करवट बदल रहा है। कभी आंधी, तो कभी बारिश और कभी ओले पड़ने का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। रविवार को तीखी धूप के साथ गर्मी भी अधिक थी। जिससे बारिश होने का अंदाजा लोग लगाने लगे थे। उनका यह अंदाजा गलत भी नहीं हुआ और शाम होते ही आसमान में काले बादलों ने डेरा डाल दिया। गरज के साथ ही आसमान में तेज चमक होने लगी। तेज हवा के झोंके चलने लगे। हालांकि बारिश नहीं हुई लेकिन तूफान की शक्ल में चली तेज हवाओं ने किसानों की आम और सब्जी की फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया। किसान मायूस होकर अपनी इन फसलों को बर्बाद होता देखने को विवश है। इस बार आम की फसल अच्छी आई थी। जिसे देख इसकी पैदावार अच्छी होने की संभावना जताई जा रही थी। लेकिन कुछ दिन पहले पड़े ओलों ने आम की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया। इसके बाद बाकी कसर रविवार की देर शाम आई आंधी ने पूरी कर दी। हालांकि आम जनमानस को इस आंधी के बाद गर्मी से काफी राहत मिली।

सीमेंट शीट उड़ी, कई लोग बाल-बाल बचे

ठेकमा। विकास खंड क्षेत्र में रविवार की देर शाम क्षेत्र में तेज आंधी के साथ पानी भी गिरा। हालांकि पानी कम गिरा लेकिन आंधी के कारण कई लोगों के छप्पर और सीमेंट व लोहे की चादरें जो उन्होंने अपने घरों के ऊपर लगा रखी थी उड़ गई। जमुआंवा गांव के कल्पनाथ मौर्या के मकान पर रखी सीमेंट सीट उड़ने के कारण उसके नीचे बैठे कई लोग बाल-बाल बच गए।

फल व सब्जी की फसलों केे पहुंचा नुकसान

बिंद्राबाजार। गंभीरपुर थाना क्षेत्र में रविवार की देर शाम आए आंधी और तूफान से किसानों केे आंशिक नुकसान उठाना पड़ा। सब्जी की फसलें बर्बाद हो गई और फलों को भी काफी नुकसान पहुंचा। रसूलपुर निवासी शंकर यादव ने बताया कि आंधी तूफान से खेतों में सब्जी की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। हवा का झोंका इतना तेज था कि छोटे- छोटे पौधे इसे झेल नहीं पाएं अगर ओले पड़े होते तो हालात और खराब होती। बृज भूषण सिंह ने बताया कि आम के बागान में लगभग डेढ़ कुंतल तक आम के फलों को गिरने से काफी नुकसान हुआ है। आगे ऐसा हुआ तो आम देखने को भी नही मिलेंगे।

कई जगहों पर टूटी पेड़ों की डालियां

सगड़ी। रविवार की देर शाम आई आंधी ने क्षेत्र में काफी नुकसान पहुंचाया। हवा का झोंका इतना तेज था पेड़ की डालियां टूटकर गिर गई। इस बार आम की फसल बहुत अच्छी थी लेकिन इस आंधी में पेड़ की छडालियां टूटने से आम की काफी फसल बर्बाद हो गई। जिसके कारण इस बार आम की पैदावार कम रहने और इसके दाम अधिक रहने की संभावना बढ़ गई है।

कई जगहों पर गिरे विजली के पोल

फरिहां। निजामाबाद तहसील के फरिहा क्षेत्र के आसपास रविवार की देर शाम आए आंधी और तूफान का प्रभाव काफी जबरदस्त रहा। जिससे सामान्य जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया कहीं-कहीं टीन सेड के अलावा बिजली के खंभे भी टूट गए। आम की फसल को काफी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। क्षेत्र के परसहा गांव निवासी संजय सोनकर ने बताया ककि फरिहा रेलवे स्टेशन के समीप लगभग पांच बीघा आम की बाग हमने किराए पर लिया है। जिसमें आम की फसल काफी अच्छी रही लेकिन बार बार प्राकृतिक आपदा से न के बराबर आम के फल पेड़ों पर रह गए हैं। मिठाई लाल ने बताया कि जितना पैसा बाग के मालिक को दिया गया था उतना भी पैसा पूरा फल बेचने के बाद भी नहीं मिलेगा।

तार पर पेड़ गिरने से बिजली ठप

मेजवां। फूलपुर और ग्रामीण इलाकों में रविवार की रात तेज आंधी और बारिश के चलते आम की फसल को नुकसान हुआ है। ईट भट्टों पर पानी के चलते कच्चे ईंट खराब हो गए। तेज आंधी से कई गांव में हाईटेंशन तार गिर जाने से रात भर बिजली गुल रही। कैफी आजमी रोड पर कनेरी, बक्शपुर और मेजवा की तरफ जाने वाली एचटी लाइन पर पेड़ गिर जाने से सैकड़ों गांव की बिजली ठप हो गई। लाइनमैनो के प्रयास से तार पर गिरे पेड़ को काट गया तो दोपहर बाद बिजली आपूर्ति बहाल हुई।

Answered by khanSafwan
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Answer:

सकर्मक क्रिया

क्योंकि यहाँ पेड़ कर्म है

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