Hindi, asked by udgarkumar1980, 10 months ago

आआलिख
13. कई बार मनुष्य जीवन का लक्ष्य निर्धारित करने के साथ-साथ किसी को अपना आदर्श भी
मानता है, जिसके आदर्शों व सिद्धांतों से प्रेरित होकर वह उसके जैसा बनना चाहता है। दिए
गए संकेतों के आधार पर 'आदर्श/प्रेरक व्यक्ति' पर 80-100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए-
संकेत-बिंदु- • प्रस्तावना • आदर्श व्यक्ति का नाम • आचरण व व्यवहार
• उपलब्धियाँ उपसंहार​

Answers

Answered by ravi00000
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प्रस्तावना -> यदि मनुष्य के जीवन में लक्ष्य ना हो तो उसका जीवन दिशाहीन हो जाता है बिना लक्ष्य के मनुष्य अपने जीवन में उन्नति नहीं कर सकता है। व्यक्ति अपने जीवन का लक्ष्य तभी निर्धारित करता है जब वह किसी व्यक्ति से प्रेरित होता है उसके अच्छे कार्यों से प्रभावित होकर उस प्रेरक व्यक्ति की तरह बनना चाहता है।

वह उसको अपना आदर्श मानता है और उसके अनुसार अपने जीवन को ढालने की कोशिश करता है। हर व्यक्ति के जीवन में कोई ना कोई आदर्श व्यक्ति जरूर होता है, जीवन में यदि लक्ष्य हो तभी व्यक्ति मंजिल पर पहुंच पाता है।

मेरे आदर्श व्यक्ति-> मैं अपने जीवन में सबसे अधिक प्रभावित स्वामी दयानंद सरस्वती के विचारों तथा उनके कार्यों से हुआ हूं। समाज उत्थान के लिए उन्होंने जिस प्रकार से कार्य किए, समाज में फैली कुरीतियों अंधविश्वासों और आडंबर को उन्होंने दूर किया।

स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म गुजरात के टंकारा नामक स्थान पर 1824 में हुआ था।

स्वामी दयानंद एक सन्यासी थे उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समाज कल्याण के लिए समर्पित कर दिया स्वामी दयानंद सरस्वती ने उस समय समाज में फैली कुरीतियों को दूर किया तथा लोगों को वेदों के प्रति आकर्षित किया| उन्होंने कहा कि वेदों में दिया हुआ ज्ञान ही सच्चा ईश्वरीय ज्ञान है।

स्वामी दयानंद के कार्य-> स्वामी दयानंद सरस्वती ने तत्कालीन समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए काम किया| उन्होंने सती प्रथा, विधवाओं का पुनर्विवाह ना होना, समाज में फैली छुआछूत जैसी अनेक कुरीतियों को दूर किया| उन्होंने वेदों का भाष्य किया, स्त्रियों को वेद पढ़ने का अधिकार दिया तथा आर्य समाज की स्थापना की। आजादी के लिए पहला जय घोष करने वाले स्वामी दयानंद सरस्वती ही थे। उन्होंने अनेक क्रांतिकारियों को प्रेरणा दी|

उपसंहार-> आज भी हमारे समाज में अनेक कुरीतियां बढ़ रही हैं जिन को दूर करने की आवश्यकता है और मैंने अपने जीवन में लक्ष्य निर्धारित किया है कि आज जो समाज में कुरीतियां पनप रही है उसे आने वाले समय में स्वामी दयानंद सरस्वती को अपना आदर्श मानकर उनको दूर कर दूंगा।

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