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आचारः परमो धर्मः,
आचारः परमं तपः।
आचारः परमं ज्ञानम्,
आचारात् किं न सिध्यति।।
अयि सखि! श्लोकं स्मरसि किम्?
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Acharya parmo Dharma, acharya paramaṃ tapaḥ.
Acharya paramaṃ ṅñānam, not sādhyate achrat kiṃ |60|
सुभाषित संस्कृत श्लोक 06 का भावार्थ:
हमारे वेदों में कहा गया हैं सदाचरण सबसे बड़ा कोई धर्म नहीं है, सदाचरण सबसे बड़ा तप है,
सदाचरण सबसे बड़ा ज्ञान है, सदाचरण से कोइ एसे वस्तु नहीं जो प्राप्त ना किया जा सके है|
English Translation Of Subhashitani Shloka #06-
Our vedas says there is no religion higher than "Right conduct". Right conduct is the greatest penance. Right conduct is the greatest knowledge. There is not anything which you can't achieved through right conduct
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