आचार्य रामचंद्र शुक्ल द्वारा रचित मित्रता पाठ की कहानी बताइए
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ब) प्रथम रेखांकित अंश की व्याख्या – आचार्य शुक्ल का कथन है कि बचपन में जब बच्चे एक साथ विद्यालयों में पढ़ते हैं और आपस में मित्र बनते हैं, तब की मित्रता में और जब वे युवावस्था में पहुँचते हैं, तब उनकी मित्रता का स्वरूप बदल जाता है। (अब उनकी मित्रता में अधिक दृढ़ता, शान्ति और गम्भीरता होती है।
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