Hindi, asked by vishalpadihar111, 8 days ago

आडंबर रचाने वालों को ईश्वर के वास्तविक दर्शन नहीं होती ​

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Answered by shishir303
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¿ आडंबर रचाने वालों को ईश्वर के वास्तविक दर्शन नहीं होते...?

➲ सत्य

✎... आडंबर रचाने वालों को ईश्वर के वास्तविक दर्शन नहीं होते।

कबीरदास जी कहते हैं कि यह जग पागल हो गया है। यह जग के लोग आडंबर और पाखंड में ही लगे रहते हैं। इन लोगों को अगर सत्य बात कहो तो यह मारने को दौड़ते हैं और झूठी बातों पर विश्वास करते हैं। समाज में चारों तरफ आडंबर और पाखंड फैला हुआ है। लोग अपने अंदर के छपे ईश्वर को नहीं पहचान पाते और आडंबर और पाखंड में ही लगे रहते हैं। वास्तव में उन्हें सच्चा ज्ञान नहीं है। वे केवल ज्ञानी होने का दिखावा करना जानते हैं। ऐसे लोगों को वास्तविक रूप से ईश्वर के दर्शन नहीं हो सकते। ईश्वर के दर्शन करने के लिए अपने मन को शुद्ध करना पड़ेगा और अपने अंदर के छुपे ईश्वर को पहचानना पड़ेगा। उसके लिए आत्म ज्ञान आवश्यक है ना कि पाखंड और आडंबर।  

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