Hindi, asked by jps15376, 1 year ago

Aadhunik pravesh mein media kit bhumika par nibhand.

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Answered by ak47123
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Answer:

पहले जब मीडिया के ये सभी आधुनिक साधन नही थे तो केवल प्रिंट मीडिया का ही प्रयोग होता था। लोग साहित्य एवं लेखन के द्वारा ही अपने विचारो को प्रकट किया करते थे।

जैसे की भारत की आजादी के लिए चलाए जा रहे आंदोलनों को सफल बनाने के लिए इससे लोगों को जोड़ने के लिए अनेक प्रकार के प्रिंट मीडिया का सहारा लेकर कई समाचार पत्रों तथा पत्रिकाओं का संपादन किया जा रहा था।

इस तरह भारत की स्वतंत्रता में मीडिया का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा था। आज का मीडिया हमारे समाज को नया आकार प्रदान करने तथा इसको मजबूत बनाने में अपनी एक सशक्त एवं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मीडिया लोगो के मनोरंजन का एक बेहतरीन साधन है।

आज हम मीडिया के द्वारा ही किसी देश के किसी कोने में बैठ कर दुनिया के किसी कोने में घटित हुई घटना को टेलीविज़न या रेडियो के माध्यम से बड़ी आसानी से देख व सुन सकते है। इसके साथ ही सोशल मीडिया भी हमें हर तरह की खबरों से अवगत कराता है।

इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के अन्तर्गत रेडियो, टेलीविजन एवं सिनेमा आते हैं । नव इलेक्ट्रॉनिक माध्यम इण्टरनेट है । सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में सूचनाओं तक व्यक्ति की पहुंच में तेजी आने के साथ ही मीडिया के महत्व में भी वृद्धि हुई है ।

मीडिया से किसी-न-किसी रूप में जुड़े रहना आधुनिक मानव की आवश्यकता बनती जा रही है । मोबाइल, रेडियो, टेलीविजन, इण्टरनेट इत्यादि में से किसी-न-किसी माध्यम से व्यक्ति हर समय दुनियाभर की खबरों पर नजर रखना चाहता है ।

उल्लेखनीय है कि समाज के विभिन्न प्रकरणों जैसे- जेसिका लाल हत्याकाण्ड, रुचिका हत्याकाण्ड, निर्भया काण्ड, 2-जी स्पेक्ट्रम प्रकरण, मुजफ्फ़रनगर दंगे आदि को समुचित जानकारी के साथ मीडिया ने समय-समय पर उजागर किया है, जिससे जनता उद्वेलित भी हुई है और सही परिप्रेक्ष्य में उसने वस्तुस्थिति को समझा भी है ।

इन लोकतान्त्रिक भावनाओं की रक्षा करने में मीडिया के ये कार्य उसके लोकतन्त्र का प्रहरी होने के प्रमाण हैं । मीडिया को लोकतन्त्र का चौथा स्तम्भ माना जाता है । लोकतन्त्र के अन्य तीन स्तम्भ हैं- विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका ।

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