Aadimanav ki Swaroop Mein ghumte the ?
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Explanation:
आधुनिक खोजों से ज्ञात हुआ है कि लाखों वर्ष पूर्व इस पृथ्वी पर मानव का जन्म हुआ था ! पहले मनुष्य चार पैरों पर चलता था और जंगलों में रहता था ! वह पेड़ों की जड़ें, पत्तियाँ, फल-फूल इत्यादि खाता था ! कुछ छोटे जानवरों को मारकर उनका कच्चा माँस खाता था ! वस्त्र नहीं पहनता था व घूमता रहता था !
यह बानर जैसा मानव खाने की तलाश में इधर-उधर दिन भर भटकता लेकिन रात होने पर और जानवरों से सुरक्षा व ठंड/बरसात से बचने के लिए गुफा जैसे स्थान मिलने पर उसमें रहने लगा ! लेकिन वह अधिकांशत: पेड़ों पर चढ़कर ही रहता था और इस तरह रात में जंगली जानवरों से अपनी सुरक्षा करता था ! संभवत: जब उसने ऊँचाई पर लगे पेड़ों के फलों को देखा होगा तब उनको तोड़ने के लिए वह धीरे-धीरे अपने शरीर को संतुलित करते हुए चार के बजाए दो पैरों का उपयोग करने लगा होगा ! इस प्रकार उसके हो हाथ स्वतंत्र हो गए होंगे जिनका उपयोग वह धीरे-धीरे किसी चीज को खोदने, पकड़ने व उठाने में करने लगा होगा और इस तरह वह दो पैरों का उपयोग वह धीरे-धीरे किसी चीज को खोदने, पकड़ने व उठाने में करने लगा होगा और इस तरह वह दो पैरों का उपयोग चलने एवं हाथों का उपयोग काम करने के लिए करने लगा होगा !
मानव का विकासृ, बन्दर से मानव का विकास, मानव के विकास का क्रम
इस तरह मनुष्य में धीरे-धीरे शारीरिक परिवर्तन होते गए ! जैसे जब वह पैरों पर खड़ा होने लगा तो अधिक दूर तक देखने लगा होगा व आसपास की चीजों को देखने के लिए पूरे शरीर को घुमाने के बजाय सिर्फ गर्दन का उपयोग करने लगा ! हाथों का उपयोग पेड़ों की टहनियाँ पकड़कर फल तोड़ने, खाना लाने, खाना खाने के लिए करने लगा, इसी समय वह पीठ के बल सोने लगा होगा ! इस प्रकार शरीरिक परिवर्तनों के साथ-साथ मानव के सोचने की शक्ति का भी तेजी से विकास होने लगा ! उसके स्पष्ट रूप से रोने व हँसने की आवाज में भी अधिक स्पष्टता आती गयी !
निरन्तर आते परिवर्तनों के द्वारा अब मनुष्य अपनी मूलभूत आवश्यकताओं जैसे भोजन, आवास व सुरक्षा के बारे में भी सोचने लगा होगा ! भोजन की तलाश में घूमते रहने के साथ-साथ अब वह भोजन इकट्ठा भी करने लगा और जंगल में जानवरों से बचाव करने के लिए लकड़ी, जानवरों की हड्डीयों, सींगों, धारदार, नुकीले पत्थरों का प्रयोग करने लगा !
आदिमानव के विकास का क्रम, आदिमानव का विकास, वानर से मानव का विकास,
उपरोक्त तरह के मानव अर्थात आज से लाखों वर्ष पुराने मानव को आदिमानव कहा गया है !
आदिमानव पत्थरों का उपयोग जानवरों के शिकार करने, माँस काटने, लकड़ी काटने, कन्दमूल खोदने आदि के लिए करता था ! पत्थर को पाषाण भी कहते हैं, इसलिए इसे पाषाण युग कहा गया है ! आइए पाषाण युग के बारे में जानें-
पाषाण काल- पाषाण काल लाखों वर्षों तक चला ! पत्थरों के औजारों के स्वरूपों के आधार पर इस युग को हम तीन भागों में बाँट सकते हैं-
1. पुरा पाषाण काल
2. मध्य पाषाण काल
3. नव पाषाण अथवा उत्तर पाषाण काल