Aadmi ka bacha by yashpal summary
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आदमी का बच्चा
(यशपाल)
समस्या : शहरीकरण मानवों में स्वार्थता एवं असमत्व पैदा करता है।
आशय : जीवन को संघर्षमुक्त बनाने के लिए औरों से दिली संबंध रखना है।
आदमी का बच्चा - कहानी का मुख्य पात्र है- डौली । वह वग्गा साहब की इकलौती पुत्री है। घर मेंतो किसी का भी अभाव नहीं है। अकेली होने के कारण वह धोबी -माली के बच्चों के साथ खेलना चाहती है।लेकिन मामा उसे रोकती है।जब डौली के पिल्लै होते है,तब वह बहूत खुश होते है,तब वह बहूत खुस होती है।वह उसके साथ खेलना चाहती है। लेकिन बग्गा साहब उन पिल्ललों को भी मरवा डालते है । भूख के कारण ही पिल्लों को मरवा डाला है। यह जानकर डौली विस्मित होती है। धोबी के बच्चा जब मर जाता है तो डौली आया से पूछती है ,क्या माली के बच्चे को भी गरम पानी में डूबवाकर मार दिया गया है? इस प्रकार डौली में हम एक भोले-भाले बच्चे को देखते है।
गरीब बच्चे जीवन की बुनियादी सुविघाओं से वंचित हैं
समाज में उच्च वर्ग के तथा नि म्नवर्ग के लोग दिखाई देते हैं। यह विभाजन मुख्य रूप से धन संपत्ति के आधार पर होता है । धन के अभाव में गरीबों को आवश्यक भोजन व शिक्षा नहीं मिलते ।उन्हें समाज में एक तरह से उपेक्षित जीवन बिताना पड़ता है। आदमी का बच्चा कहानी में भी यही बात देखने को मिलते है । डौली के लिए जीवन कीसुख सुविधाएँ काफ़ी थी। उसकी देखभाल भी बड़ी सतर्कता से की जाती है।लेकिन धोबी-माली के बच्चे तो गरीब हैं। उसका पालन पोषण केलिए पर्याप्त धन उसके पास नहीं होते। सफ़ाई आदि में भी वे पीछे रह जाते हैं।धन और शिक्षा की कमी के कारण ही उच्च वर्ग के लोग उन्हें बेहूदे तक कहते है। समाज का यह कर्तव्य है -आधुनिक समाज के मनुष्यों में इस तरह की भिन्नता न रहने दे। सब को समान रूप से देखा जाए । सब को बराबरी का अवसर प्रदान किया जाए।
Answer:
- आदमी का बच्चा सारांश
Explanation:
२ कच्चे धागे कहानी सारांश