आग बिजली और पानी की पाइपलाइन सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं या नहीं उसकी
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पानी की बूंद-बूंद कीमती है, अगर कल है जगमगाना तो आज से ही बिजली बचाना, अगर हमसे है आपको प्यार तो वृक्षारोपण से करो धरती का श्रृंगार..। कुछ ऐसे ही संदेश नन्हे-मुन्ने बच्चे अभिभावकों को देंगे। जी हां बिजली-पानी बचाने और पर्यावरण प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए स्कूल प्रबंधन ने अपने स्तर से ये योजना बनाई है। इसके तहत स्कूलों में बच्चों को पर्यावरण संरक्षण का पाठ पढ़ाया जाएगा। वहीं बच्चों के जरिए घरवालों को भी पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाएगा। स्कूलों की माने तो बच्चों के जरिए घर के हर सदस्य तक जरूरी संदेश पहुंच सके यही कोशिश है।
लगातार गिरते भूजल स्तर और शहर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए स्कूल प्रबंधनों ने स्कूल में बच्चों को जागरूक करने की योजना बनाई है। इसमें बच्चों को खेल-खेल में तमाम गतिविधियों के जरिए पानी बचाओ, बिजली बचाओ, पेड़ लगाओ, पर्यावरण बचाओ जैसे अभियानों से जोड़ा जाएगा। बच्चों के जरिए बड़ों को इन अभियानों में शामिल किया जा सके ये कोशिश भी की जाएगी। वहीं विभिन्न कार्यक्रमों और साप्ताहिक गविधियों के जरिए नन्हे-मुन्ने बच्चों के साथ मिलकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण का पाठ भी पढ़ाया जाएगा।