आगे कुआँ पीछे खाई' कहावत का अर्थ लिख
या कहावत का अर्थ लिखकर उससे संबंधित कोई प्रसंग लिखो।
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Answer:
आगे कुआँ पीछे खाई' कहावत का अर्थ = हर तरफ से हानि का होना ।
मुसीबत में दोनों तरफ़ से हानि , चारों तरफ से मुसीबत से घिर जाना |
प्रयोग- रोहित के सामने तब आगे कुआँ, पीछे खाई वाली बात हो गई जब चोरों ने कहा कि या तो वह गोली खा ले या सारा सामान उनको दे दे।
आगे कुआं पीछे खाई का मतलब है...
प्रसंग
एक बार पंडित रामलाल जंगल से जा रहे थे। उनके पास काफी धन था जो वह अपने भाई के घर पर रखने को जा रहे थे। तभी रास्ते में उनको दो लुटेरों ने घेर लिया और उनसे कहने लगे तुम्हारे पास जो कुछ भी है वह हमें दे दो। पंडित जी बोले कि मेरे पास कुछ नही है। लुटेरे बोले तलाशी दो। तब पंडित जी ने मौका देखा और भाग लिये। लुटेरे उनके पीछे भागने लगे। पंडित जी ने जैसे-तैसे उनको चकमा दिया और एक एक पेड़ पर चढ़ गए और अपने को किसी तरह छुपा लिया। लुटेरे उसी पेड़ के आसपास मंडरा रहे थे। और उनको ढूंढ रहे थे तभी पंडित जी ने देखा कि एक सांप पेड़ की डाल पर बैठा है। पंडित जी को काटो तो खून नहीं। चिन्ला भी नहीं सकते, न ही पेड़ से उतर सकते क्योंकि नीचे लुटेरे थे। एक तरफ कुआँ था तो दूसरी तरफ खाई। तब उन्हे एक आयडिया सूझा, उन्होंने धीरे एक डाली तोड़कर साँप पर दे मारी। और साँप सीधे पेड़ के नीचे खड़े लुटेरों पर गिरा, लुटेरे साँप को देखकर भाग गये। पंडित जी की जान बची।