आगे नदिया पड़ी अपार, घोड़ा कैसे उतरे पार
राणा ने सोचा इस पार, तब तक चैतक था उस पार।।
Alankar spashta karein.
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यह अतिशयोक्ति अलंकार है।
Explanation:
जहां किसी भी वस्तु, अथवा कथन का वर्णन लोक- सीमा से बढ़कर हो उसे अतिशयोक्ति अलंकार कहते हैं।
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