Hindi, asked by raj9575399, 1 year ago

आगत धवनियँ क्या है ? उदाहरण देकर बतईए

Answers

Answered by SPECIALGIRL
220
हिन्दी में अंग्रेज़ी तथा उर्दू भाषा के शब्द निरन्तर प्रवेश कर रहे हैं, किन्तु उनका शुद्ध उच्चारण करने के लिए हिन्दी में लिपि चिह्न नहीं हैं।इसलिए उनको शुद्ध रूप में लिखने के लिए हिन्दी के व्यंजनों के नीचे एक बिंदु लगाया जाता है। यह जो नीचे बिंदु लगाया जाता है यही नुक्ता कहलाता है।



परंपरागत वर्ण ­
  क   ख   ग   ज   फ
नुक्ता प्रयुक्त करके विकसित किए गए वर्ण ­
  क  ख़   ग़   ज़   फ़


महत्त्वपूर्ण तथ्य =>­  ‘क’ , ‘ख़’ और ‘ग़’ में नुक्ते का प्रयोग अनिवार्य न होकर ऐच्छिक है। जबकि ­ 


‘ज़’ तथा ‘फ़’ में जब नुक्ता लगता है तो उर्दू तथा अंग्रेज़ी दोनों ही भाषाओं के शब्द बनते हैं।


‘ज़’ से युक्त उर्दू के शब्द ¹ कर्ज़ , ताज़ा , ज़िंदगी , ज़िल्लत तथा ज़मानत आदि ।


(  जर्रा => थोड़ा और ज़र्रा => बुढ़ापा )


‘ज़’ से युक्त अंग्रेज़ी के शब्द ¹ रोज़ , इज़ , ज़ीरो , प्राइज़ तथा न्यूज़ आदि ।


‘फ़’ से युक्त उर्दू के शब्द ¹ फ़रियाद , फ़तवा , फ़न , काफ़िला तथा फ़साद आदि ।


‘फ़’ से युक्त अंग्रेज़ी के शब्द ¹ कफ़ , फ़ेल , फ़ाइट , फ़ाइन तथा फ़ादर आदि ।



अर्धचन्द्राकार     ॅ   


हिन्दी भाषा में अंग्रेज़ी भाषा के कई शब्दों का प्रयोग किया जाता है ।इनमें कुछ शब्दों में प्रयुक्त होने वाली ध्वनि हिन्दी से भिन्न है।यह ध्वनि ‘आ’ तथा ‘ओ’ के बीच की है ।इसलिए हिन्दी में इसके शुद्ध उच्चारण तथा लेखन के लिए अर्धचंद्राकार नामक चिह्न विकसित किया गया है इसका चिह्न -   ॅ  है।


उदाहरण ­ -


  हॉट (गर्म) -  हाट (बाज़ार)

  बॉल (गेंद)  -  बाल (सिर के बाल)

  कॉफी (पेय) पदार्थ - काफी (पर्याप्त )





HOPE ITS HELP YOU!!!! :)
YOU UNDERSTAND NA!!! :)


MARK MY ANSWER AS BRAINLIEST!!!! :). ;)


Answered by anushka1888
79

Answer:

हिन्दी में अंग्रेज़ी तथा उर्दू भाषा के शब्द निरन्तर प्रवेश कर रहे हैं, किन्तु उनका शुद्ध उच्चारण करने के लिए हिन्दी में लिपि चिह्न नहीं हैं।इसलिए उनको शुद्ध रूप में लिखने के लिए हिन्दी के व्यंजनों के नीचे एक बिंदु लगाया जाता है। यह जो नीचे बिंदु लगाया जाता है यही नुक्ता कहलाता है।

परंपरागत वर्ण ­

क ख ग ज फ

नुक्ता प्रयुक्त करके विकसित किए गए वर्ण ­

क ख़ ग़ ज़ फ़

महत्त्वपूर्ण तथ्य =>­ ‘क’ , ‘ख़’ और ‘ग़’ में नुक्ते का प्रयोग अनिवार्य न होकर ऐच्छिक है। जबकि ­

‘ज़’ तथा ‘फ़’ में जब नुक्ता लगता है तो उर्दू तथा अंग्रेज़ी दोनों ही भाषाओं के शब्द बनते हैं।

‘ज़’ से युक्त उर्दू के शब्द ¹ कर्ज़ , ताज़ा , ज़िंदगी , ज़िल्लत तथा ज़मानत आदि ।

( जर्रा => थोड़ा और ज़र्रा => बुढ़ापा )

‘ज़’ से युक्त अंग्रेज़ी के शब्द ¹ रोज़ , इज़ , ज़ीरो , प्राइज़ तथा न्यूज़ आदि ।

‘फ़’ से युक्त उर्दू के शब्द ¹ फ़रियाद , फ़तवा , फ़न , काफ़िला तथा फ़साद आदि ।

‘फ़’ से युक्त अंग्रेज़ी के शब्द ¹ कफ़ , फ़ेल , फ़ाइट , फ़ाइन तथा फ़ादर आदि ।

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