Hindi, asked by meyhartopperp2ps1a, 1 year ago

आह्वान कविता की रचना स्वाधीनता आंदोलन के दौरान की गई थी कविता के आधार पर सिद्ध कीजिए कि कवि का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है

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Answered by Geekydude121
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आज भी देश का पिछड़ा वर्ग जातिवाद का दंश झेल रहा है। सरकार व व्यवस्था से चोट खाए लोग नक्सली बन रहे हैं। आए दिन किसी न किसी मुद्दे पर सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं। नए राज्यों की मांग देश के टुकड़े कर रही है। वहीं देश के नेता सब कुछ जानकर भी अनजान बनकर चैन की नींद सो रहे हैं।


ये लोग हजारों करोड़ का भ्रष्टाचार कर जनता को छल रहे हैं। तो ऐसे में क्या ये आज की जरूरत नहीं है कि दुष्यंत की पंक्तियों से सीख लेते हुए हम सबको मिलकर व्यवस्था को बदलने की एक प्रभावी पहल करनी होगी। और इस सुधार की पहल पहले किसी एक से ही होगी।

पहले किसी एक को ही अपनी जिम्मेदारी व कर्तव्य को समझना होगा तभी बाकी सभी लोग इस मुहिम में शामिल हो पाएंगे और तभी हम समझ पाएंगे आजादी के सही मायने। इस बदली व्यवस्था से ही मिलेगी हमारी आजादी, हमारी स्वाधीनता। 
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