आहत पशु और पक्षियों की सुरक्षा एवं सेवा किन आदर्शों को प्रदर्शित करते है? गिल्लू पथ के आधार पर लिखिए
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आहत पशु और पक्षियों की सुरक्षा एवं सेवा किन आदर्शों को प्रदर्शित करते है? गिल्लू पथ के आधार पर लिखिए
गिल्लू नामक कहानी का है| यह कहानी महादेवी वर्मा द्वारा लिखी गई है| गिल्लू पाठ के आधार पर गिल्लू महादेवी वर्मा जी को एक दिन उनके बरामदे में उन्हें मूर्छित दशा में मिला।
इस हालत में देख वह उसे अपने घर ले कर आई और उसके घाव साफ किए और उसका उपचार किया | उसके जीवन की रक्षा के लिए उन्होंने उसकी देखभाल करी और तीन दिन में वह स्वस्थ हो गया।उन्होंने उसका नाम गिल्लू रखा था| गिल्लू की बहुत सेवा की और वह बाद में एक दम स्वस्थ्य हो गया था |
लेकिखा की इस प्रकार की सेवा और आहत पशु-पक्षियों की सुरक्षा और सेवा मानवता और इंसानियत , दया और प्रेम की भावना दर्शाती है| लेखिका चाहती तो उसे वहीं छोड़ के आ सकती थी लेकिन नहीं उसने मानवता का धर्म निभाया और उसकी जान बचाई |हम सभी को इस पाठ से सिख लेनी चाहिए और आहत पशु और पक्षियों की सुरक्षा एवं सेवा करनी चाहिए | यही हमारे कर्तव्य है और धर्म भी|
चाहे मनुष्य हो , जानवर हो सबकी मदद करना ही एक आदर्श व्यक्ति की पहचान होती है|
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उपविषय: पाठ गिल्लू,(महादेवी वर्मा)
प्रश्न1.गिल्लू पाठ के आधार पर बताइए कि गिल्लू लेखिका को किन परिस्थितियों में मिला और उसकी जीवन रक्षा के लिए लेखिका ने क्या उपाय किए?क्याउन्हे सफलता मिली ?
प्रश्र 2.सिद्ध कीजिए कि गिल्लू एक संवेदनशील प्राणी है।
या
गिल्लू को महादेवी से गहरा लगाव था(आत्मीयता थी)।
उत्तर:
नौवीं कक्षा के गिल्लू पाठ पर आधारित:-
आहत पशु पक्षियों सेवा और सुरक्षा मानवता और इंसानियत को प्रदर्शित करते है| ऐसा व्यवहार, एक इंसान की दया और प्रेम की भावना दर्शाती है| इस तरह के प्रयास महत्वपूर्ण हैं, विशेष रूप से जहां स्वार्थी क्रियायों के कारन जानवरों को चोट पहुँचती है। आहत जानवरों की मदद करना ही एक आदर्श व्यक्ति की पहचान है|
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