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11. बंगाल में अंग्रेजों की जीत के बाद कलकत्ता एक छोटे से गाँव से बड़े शहर में तब्दील हो गया। औपनिवेशिक काल के दौरान शहर के यूरोपीय और भारतीय निवासियों की संस्कृति, शिल्प और जीवन के बारे में पता लगाएँ।
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Answer with Explanation:
बंगाल में अंग्रेजों की जीत के बाद कलकत्ता एक छोटे से गाँव से बड़े शहर में तब्दील हो गया। औपनिवेशिक काल के दौरान शहर के यूरोपीय और भारतीय निवासियों की संस्कृति, शिल्प और जीवन मैं निम्नलिखित बदलाव आए :
(1) औपनिवेशिक काल में कलकत्ता प्रशासन का एक केंद्र था। यह एक बंदरगाह नगर था। यहां विशेष रूप से बसाई गई यूरोपीय बस्तियां थी। यूरोपीय लोग उच्च स्तरीय सुविधाओं से पूर्ण विकसित क्षेत्रों में रहते थे। दूसरी तरफ, देसी लोग अनियोजित , घनी तथा सुविधा रहित जगहों में रहने को विवश थे।
(2) यूरोपियां बस्ती वाले क्षेत्र में बड़े-बड़े बंगले तथा विशाल अपार्टमेंट थे । दोपहर एवं शाम को आपस में मिलने जुलने के लिए उन्होंने क्लब बना रखा था । वे घुड़दौड़, गोल्फ, फुटबॉल, क्रिकेट आदि जैसे खेलों का आनंद उठाते थे तो देसी लोगों को नसीब नहीं था।
(3) कोलकाता अपने व्यंजनों के लिए भी प्रसिद्ध था। यहां का चावल तथा मछली का झोल, रसगुल्ला ,संदेश , मिष्टि दोई आदि बहुत लोकप्रिय था।
(4) औपनिवेशिक काल में कलकत्ता मैं कई शानदार इमारतें बनी जिसमें मिस्र, रोमन तथा भारतीय मुस्लिम कलाकृतियों का उपयोग किया गया। उदाहरण : विक्टोरिया मेमोरियल , काली मंदिर, राइटर्स बिल्डिंग , भारतीय संग्रहालय आदि।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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Answer:
औपनिवेशिक काल के दौरान शहर के यूरोपीय और भारतीय निवासियों की संस्कृति, शिल्प और जीवन में निम्नलिखित बदलाव आए
- औपनिवेशिक काल में कलकत्ता एक प्रशासनिक केंद्र बन गया था। यूरोपीय लोग उच्च स्तरीय सुविधाओं से पूर्ण क्षेत्रों में रहते थे, जबकि भारतीय लोग अनियोजित सघन तथा सुविधाहीन क्षेत्रों में रहने को मजबूर थे।
- कलकत्ता का विकास भारत के प्रमुख सांस्कृतिक रंगमंच केंद्र के रूप में हुआ था। नाटक, सामूहिक रंगमंच भारतीय शास्त्रीय संगीत, धार्मिक तथा सांस्कृतिक उत्सवों आदि में लोग उत्साहपूर्वक भाग लेते थे
- औपनिवेशिक शासन के दौरान कलकत्ता कई शानदार इमारतों का साक्षी बना। इसमें मिस्री रोमन, प्राच्य तथा भारतीय मुसलिम कलाकृतियों का उपयोग किया गया। भारतीय संग्रहालय विक्टेरिया मेमोरियल इत्यादि इसके कुछ उदाहरण हैं।