आइए विचार करें 3. ब्रिटिश शासन में घुमंतू काश्तकारों के सामने कौन सी समस्याएँ थीं?
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ब्रिटिश शासन में घुमंतू काश्तकारों के सामने निम्नलिखित समस्याएं थी :
(1) घुमंतू काश्तकार एक स्थान पर टिककर नहीं रहते थे । वे इधर उधर भटकते रहते थे। परंतु अंग्रेज अधिकारी घुमंतू काश्तकारों को एक जगह ठहर कर खेती करने के लिए विवश करते थे । ब्रिटिश शासन के लिए स्थाई रूप से एक स्थान पर रहने वाले किसानों को नियंत्रित करना सरल था। यह घुमंतू काश्तकारों से उनकी आजादी छीनने वाली बात थी।
(2) ब्रिटिश सरकार अपने शासन के लिए एक नियमित आय का स्रोत चाहती थी । इसलिए उन्होंने जमीन संबंधी कुछ नियम लागू कर दिए। ज़मीन को नापकर प्रत्येक व्यक्ति का भाग निश्चित कर दिया गया । अंग्रेजों ने यह भी निश्चित कर दिया कि किस व्यक्ति को कितना लगान देना होगा।
(3)अंग्रेजों ने कुछ किसानों को भूस्वामी और दूसरों को पट्टेदार बना दिया । पट्टेदार अपने भू स्वामियों का किराया चुकाते थे जबकि भूस्वामी सरकार को लगान देते थे।
(4) जहां पानी कम हो और मिट्टी सुखी हो, वहां हलों से खेती करना आसान नहीं था। अतः हलों की सहायता से खेती करने वाले झुम काशतकारों को प्राय: नुकसान ही उठाना पड़ा क्योंकि उनके खेत अच्छी उपज नहीं दे पाते थे। धीरे-धीरे उन्होंने खेती की इस विधि का विरोध करना शुरू कर दिया ।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।
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