आइए विचार करें
7. चर्चा करें कि भारत के विभिन्न भागों में असहयोग आंदोलन ने किस-किस तरह के रूप ग्रहण किए? लोग गांधीजी के बारे में क्या समझते थे?
Answers
Answer with Explanation:
भारत के विभिन्न भागों में असहयोग आंदोलन(1920) ने निम्न तरह के रूप ग्रहण किए :
- हजारों बच्चों ने स्कूल कॉलेज छोड़ दिया।
- मोतीलाल नेहरू, सी.आर . दास जैसे बहुत से वकीलों ने अपनी वकालत छोड़ दी।
- अंग्रेजों द्वारा दी गई उपाधियों को वापस कर दिया।
- विधान मंडलों का बहिष्कार किया गया।
- लोगों ने जगह-जगह पर विदेशी कपड़ों की होली जलाई।
- किसानों ने गुजरात के खेड़ा में भारी लगान के खिलाफ हिंसक अभियान चलाया।
- भारत के शहरों जैसे आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के क्षेत्रों में शराब की दुकानों की घेराबंदी की गई।
- आदिवासी और गरीब किसानों ने आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में बहुत से वन सत्याग्रह किए।
- अंग्रेजी स्वामित्व वाले असम के चाय बागानों में काम कर रहे मजदूरों ने नौकरी छोड़ दी।
लोग गांधीजी के बारे में यह समझते थे कि वह मसीहा हैं और वो उन्हें उनके सारे कष्टों और गरीबी से छुटकारा दिला सकते हैं। किसानों को लगता था कि गांधी जी उन्हें जमीदारों के खिलाफ उनके संघर्षों में उनकी मदद करेंगे।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।
इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :
आइए विचार करें 6. कांग्रेस में आमूल परिवर्तनवादी की राजनीति मध्यमार्गी की राजनीति से किस तरह भिन्न थी?
https://brainly.in/question/11417777
आइए विचार करें 5. मध्यमार्गी कौन थे? वे ब्रिटिश शासन के खिलाफ किस तरह का संघर्ष करना चाहते थे?
https://brainly.in/question/11416932
Answer:
भारत के विभिन्न भागों में असहयोग आंदोलन(1920) ने निम्न तरह के रूप ग्रहण किए :
- भारत के विभिन्न भागों में असहयोग आंदोलन(1920) ने निम्न तरह के रूप ग्रहण किए : हजारों बच्चों ने स्कूल कॉलेज छोड़ दिया।
- मोतीलाल नेहरू, सी.आर . दास जैसे बहुत से वकीलों ने अपनी वकालत छोड़ दी।
- अंग्रेजों द्वारा दी गई उपाधियों को वापस कर दिया।
- विधान मंडलों का बहिष्कार किया गया।
- लोगों ने जगह-जगह पर विदेशी कपड़ों की होली जलाई।
- किसानों ने गुजरात के खेड़ा में भारी लगान के खिलाफ हिंसक अभियान चलाया।
- भारत के शहरों जैसे आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के क्षेत्रों में शराब की दुकानों की घेराबंदी की गई।
- आदिवासी और गरीब किसानों ने आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में बहुत से वन सत्याग्रह किए।
- अंग्रेजी स्वामित्व वाले असम के चाय बागानों में काम कर रहे मजदूरों ने नौकरी छोड़ दी।
- लोग गांधीजी के बारे में यह समझते थे कि वह मसीहा हैं और वो उन्हें उनके सारे कष्टों और गरीबी से छुटकारा दिला सकते हैं। किसानों को लगता था कि गांधी जी उन्हें जमीदारों के खिलाफ उनके संघर्षों में उनकी मदद करेंगे।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :आइए विचार करें 6. कांग्रेस में आमूल परिवर्तनवादी की राजनीति मध्यमार्गी की राजनीति से किस तरह भिन्न थी?
Explanation:
@SSR