Hindi, asked by khushi112982, 6 months ago

आई सिधी राह से गई ना सिधी राह! arth btaye​

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Answered by madanpannu
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आई सीधी राह से गई ना सीधी राह से कवयित्री का तात्पर्य यह है कि वह जिस परमात्मा ने उसे सरल और सहज भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए इस संसार में भेजा था और उसी सरल और सहज मार्ग पर चलकर वह ईश्वर को प्राप्त कर सकती थी, लेकिन उसने ईश्वर को प्राप्त करने के लिए सरल और सहज मार्ग अपनाने की बजाय साधनाओं वाला टेढ़ा-मेढ़ा मार्ग ...

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Answered by Anonymous
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Answer:

प्रस्तुत पंक्तियां कवियित्री ‘ललद्यद’ द्वारा रचित ‘वाख’ की हैं।

इन पंक्तियों में कवियित्री ‘ललद्यद’ ने अपनी निराशा को व्यक्त किया है। उन्हें पाश्चात्ताप हो रहा है। उनके पास परमात्मा से मिलन का सीधा, सच्चा एवं सरल मार्ग था और वो मार्ग था, भक्ति का मार्ग परन्तु उन्होंने हठयोग जैसे कठिन मार्ग को चुना।

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