History, asked by nk8733026, 6 hours ago

आईने अकबरी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें!​

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Answered by s2083sonakshi01373
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आइन-ए-अकबरी (अर्थ:अकबर के संस्थान), एक 16वीं शताब्दी का ब्यौरेवार ग्रन्थ है। इसकी रचना अकबर के ही एक नवरतन दरबारी अबुल फज़ल ने की थी। इसमें अकबर के दरबार, उसके प्रशासन के बारे में चर्चा की गई है। इसके तीन ख्ण्ड हैं, जिनमें अंतिम खंड अकबरनामा (फ़ारसी: اکبر نامه), के नाम से है।

Answered by nikitamulje99
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आइन-ए-अकबरी (अर्थ:अकबर के संस्थान), एक 16वीं शताब्दी का ब्यौरेवार ग्रन्थ है। इसकी रचना अकबर के ही एक नवरतन दरबारी अबुल फज़ल ने की थी। इसमें अकबर के दरबार, उसके प्रशासन के बारे में चर्चा की गई है।[1] इसके तीन ख्ण्ड हैं, जिनमें अंतिम खंड अकबरनामा (फ़ारसी: اکبر نامه), के नाम से है। ये खंड स्वयं तीन प्रखंडों में है।[2]

अकबर का दरबार, अकबरनामा की पाण्डुलिपि में दिखाया गया एक चित्र

परिचय संपादित करें

आईन-ए-अकबरी (अकबर के विधान; समाप्तिकाल 1598 ई.) अबुलफ़ज्ल-ए-अल्लामी द्वारा फारसी भाषा में प्रणीत, बृहत् इतिहासपुस्तक अकबरनामा का तृतीय तथा अधिक प्रसिद्ध भाग है। यह एक बृहद, पृथक् तथा स्वतंत्र पुस्तक है। सम्राट अकबर की प्रेरणा, प्रोत्साहन तथा आज्ञा से, असाधारण परिश्रम के फलस्वरूप पाँच बार शुद्ध कर इस ग्रंथ की रचना हुई थी।

यद्यपि अबुल फज़ल ने कई अन्य पुस्तकें भी लिखीं, किंतु उसे स्थायी और विश्वव्यापी कीर्ति 'आईन-ए-अकबरी' के लेखन से ही मिली । स्वयं अबुलफ़ज्ल के कथानानुसार उसका ध्येय 'महान सम्राट् की स्मृति को सुरक्षित रखना' तथा 'जिज्ञासु पाठक का पथप्रदर्शन करना' था। मुगल काल के इस्लामी जगत् में इसका यथेष्ट आदर हुआ; किंतु पाश्चात्य विद्धानों को और उन के माध्यम से भारतीयों को, इस अमूल्य इतिहास-ग्रन्थ की मूल्यवत्ता तब अधिक ज्ञात हुई जब सर्वप्रथम वारेन हेस्टिंग्स के शासन-काल में ग्लैडविन ने इसका आँशिक अनुवाद किया; तत्पश्चात् ब्लाकमैन (1873) और जैरेट (1891,1894) ने इस ग्रन्थ का संपूर्ण अनुवाद अंग्रेज़ी में किया।

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