आईसीटी समेकित शिक्षण के लिए विषय-वस्तु विश्लेषण की क्या आवश्यकता
है?
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all is right answer
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शिक्षण साधनों की पहचान कर सकेंगे। विविध विषयों के लिए शिक्षण, अधिगम व मूल्यांकन हेतू विभिन्न ई-कंटेंट (डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध सामग्री), उपकरण, सॉफ़्टवेयर, हार्डवेयर की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। आईसीटी विषय-वस्तु शिक्षण शास्त्र समेकिन के आधार पर शिक्षण-अधिगम की रूपरेखा निर्माण एवं क्रियान्वयन कर सकेंगे।
सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के महत्व को मान्यता प्रदान करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मिशन दस्तावेजों के अनुसार आईसीए का प्रयोग शिक्षा में एक उपकरण की भांति किया है जिसका उद्देश्य उच्च शिक्षा में वर्तमान नामांकन की दर जो 15 प्रतिशत है, को 11वीं योजना की समाप्ति तक बढ़ाकर 30 प्रतिशत करना है।
आई.सी.टी. के शिक्षा में अभिग्रहण के प्रमुख कारक है- किसी भी प्रणाली का लक्ष्य, कार्यक्रम और पाठ्यक्रम, पढ़ने तथा पढ़ाने के तरीके, अधिगम सामग्री और संसाधन, संवाद, समर्थन और वितरण प्रणाली छात्र एट्यूटर्स, स्टाफ और अन्य विशेषज्ञ, प्रबंधन और मूल्यांकन। अतः आई.सी.टी. के कार्यान्वयन से उच्च शिक्षा में निश्चित ही सुधार हो सकता है।
Explanation:
formation and Communication Technology का उपयोग समय के साथ विकसित हुआ है और समय के साथ तेजी से बढ़ रहा है। चूंकि सूचना प्रौद्योगिकी और संचार एक महत्वपूर्ण पहलू बन गया है, इसलिए विशेष रूप से व्यवसायों और संगठनों में ICT उत्पाद और सेवाओं का उपयोग तेजी से बढ़ा है।