आईयूपीएसी नामकरण क्या है
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Answer:
ye dekho
Explanation:
In chemical nomenclature, the IUPAC nomenclature of organic chemistry is a method of naming organic chemical compounds as recommended[1] by the International Union of Pure and Applied Chemistry (IUPAC). It is published in the Nomenclature of Organic Chemistry (informally called the Blue Book). Ideally, every possible organic compound should have a name from which an unambiguous structural formula can be created. There is also an IUPAC nomenclature of inorganic chemistry.
To avoid long and tedious names in normal communication, the official IUPAC naming recommendations are not always followed in practice, except when it is necessary to give an unambiguous and absolute definition to a compound. IUPAC names can sometimes be simpler than older names, as with ethanol, instead of ethyl alcohol. For relatively simple molecules they can be more easily understood than non-systematic names, which must be learnt or looked over. However, the common or trivial name is often substantially shorter and clearer, and so preferred. These non-systematic names are often derived from an original source of the compound. In addition, very long names may be less clear than structural formula.
Answer:
, IUPAC नामकरण , आईयूपीएसी नामकरण पद्धति :-
इस अद्याय में हम यौगिको के नामकरण की अलग अलग विधि के बारे में
जानेगे
यौगिको के हाइड्रोजन परमाणु को समान तरीके के प्रकार्यात्मक समूह से प्रतिस्थापित करते है तो उनके
रासायनिक गुण सामान होते है इस तरह के यौगिक समजातीय श्रेणी में आते है
ex CH4 मिथेन (Methane), C2H6 एथेन (Ethane), C3H8 प्रोपेन (Propane), C4H10ब्युटेन (Butane)
एक समजातीय श्रेणी बनाते हैं।
मेथेनॉल
(CH3OH) , एथेनॉल (C2H5OH), पैन्टेनॉल (C5H11OH) इस तरह के सारे यौगिक एल्कोहल की
श्रेणी में आते है इस्लिये यह समजातीय श्रेणी में आते है
एथेनल CH3CHO, ब्युटेनल C3H7CHO इस तरह
के सारे यौगिक एल्डिहाइड
श्रेणी में आते है इस्सलिये यह समजातीय श्रेणी में आते है
प्रोपेनोन CH3COCH3, ब्युटेनोन C2H5COCH3 इस तरह के सारे यौगिक कीटोन श्रेणी में आते है इस्सलिये यह समजातीय श्रेणी में आते है
मेथेनोइक
अम्ल HCOOH, एथेनोइक अम्ल CH3COOH इस तरह के सारे यौगिक कार्बोक्सिलिक अम्ल श्रेणी में आते है इस्सलिये यह समजातीय श्रेणी
में आते है
समजातीय श्रेणी के गुण
समजातीय
श्रेणी के
प्रत्येक सदस्य का अपने पहले वाले सदस्य से –CH2 का अंतर होता है।
C2H6 तथा C3H8 इनमें एक CH2– इकाई का अंतर है
C2H5OH तथा C3H5OH इनमें एक CH2– इकाई
का अंतर है
समजातीय श्रेणी के
प्रत्येक सदस्य का अपने पहले वाले सदस्य से परमाणु भार में 14 u का अंतर होता है।
C2H5OH का
परमाणु भार = 2*12 + (1 x5) + 16 + 1 = 45
तथा C3H5OH का
परमाणु भार = (12 x 3) + (1 x 5) + 16 + 1 = 58
अत: इनके परमाणु भारों में
अंतर = 58– 45 = 14 u
कार्बन के यौगिकों की नामपद्धति
नामपद्धति की आवश्यकता सभी कार्बन रसायनिक यौगिकों का एक अलग नाम होता है । जिनके आणविक सूत्र समान होने के बावजूद उनकी सरचना अलग अलग होती है इतने सारे कार्बन यौगिको का नामकरण करना आवश्यक होते है ।
कार्बन के यौगिको का नामकरण करने के लिए तरह तरह की विधि अपनाई जाती है जिनमे IUPAC (इंटरनेशनल युनियन ऑफ प्योरएंड अप्लायड केमेष्ट्री) विधि अपनाई जाती है । IUPAC विधि कार्बन के परमाणुओं की संख्या और प्रकार्यात्मक समूह के पुर्वलगन और अनुलगन पर निर्भर करते है ।
Explanation:
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