Hindi, asked by nishu548728, 1 year ago

आज बरसों बाद उठी है इच्छा
हम कुछ कर दिखाएंं
एक अनोखा जश्न मनाएँ
अपना कोरा अस्तित्व जमाएँ
आज बरसों बाद सूखे पत्तों पर
वसंत ऋतु आई हैं।
विचार रूपी कलियों पर
बहार खिल कर आई है।
गहनता की फसल लहलहाई है
शायद इसी कारण,
आज बरसो बाद,
उठी हैं इच्छा हम कुछ कर दिखाएँ
अपना कोरा अस्तित्व जमाएँ
क) कवि के मन में क्या इच्छा उठी है?
ख) सूखे पत्ते किसका प्रतीक हैं?
ग) कौन-सी कलियों पर बहार आई है?
घ) गहनता की फसल से कवि का क्या आशय है ?
ड)इस काव्यांश को उचित शीर्षक लिखिए।

Answers

Answered by anamika17511
5

क) कवि के मन में कुछ कर दिखाने की इच्छा उठी है।

ख) सूखे पत्ते पतझड़ का प्रतीक है।

ग) विचार रूपी कलियों पर बहार आई।

घ) गहनता की फसल से कवि का तात्पर्य नए विचारों का उत्पन्न होना है।

ङ) 'मन की इच्छा' इस काव्यांश के लिए उचित शीर्षक है।


anamika17511: please mark it brainliest
nishu548728: thank u anamika
anamika17511: You're most welcome dear
anamika17511: But can you please mark it brainliest
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