Hindi, asked by shahanamariyam, 2 months ago

आज फिर से तुम बुझा दीपक जलाओ summary?

Answers

Answered by swapnarajmohan47
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Answer:

कृप्या मस्तिष्क के रूप में चिह्नित करें।

Explanation:

आज फिर से तुम बुझा दीपक जलाओ

है कहाँ वह आग जो मुझको जलाए,

है कहाँ वह ज्वाल मेरे पास आए, रागिनी, तुम आज दीपक राग गाओ, आज फिर से तुम बुझा दीपक जलाओ। तुम नई आभा नहीं मुझमें भरोगी, नव विभा में स्नान तुम भी तो करोगी,

आज तुम मुझको जगाकर जगमगाओ, आज फिर से तुम बुझा दीपक जलाओ।

मैं तपोमय ज्योति की, पर, प्यास मुझको, है प्रणय की शक्ति पर विश्वास मुझको,

स्नेह की दो बूंद भी तो तुम गिराओ, आज फिर से तुम बुझा दीपक जलाओ।

कल तिमिर को भेद मैं आगे बढूँगा, कल प्रलय की आँधियों से मैं लडूंगा,

किंतु मुझको आज आँचल से बचाओ, आज फिर से तुम बुझा दीपक जलाओ।

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