Hindi, asked by cutipiesneha325, 3 months ago


“आज जीत के रात,
पहरूए, सावधान रहना।
खुले देश के द्वार,
अचल दीपक समान रहना।
ऊँची हुई मशाल हमारी,
आगे कठिन डगर है।
शत्रु हार गया, लेकिन उसकी,
छायाओं का डर है।
शोषण से है मृत समाज,
कमजोर हमारा घर है।
किन्तु आ रही नई जिन्दगी,
यह विश्वास अपर है।
जन गंगा में ज्वार,
लहर तुम प्रवद्यमान रहना,
पहरूए सावधान रहना।
उचित विकल्प द्वारा उत्तर चुनिए-
प्रश्न-1 'पहरूए' का शाब्दिक अर्थ है-
(क) किसान से
(ख) पहरेदार से (ग) सरकार से
प्रश्न-2 'अचल दीपक समान में रहना' में अलंकार है-
क) रूपक अलंकार
(ख) यमक अलंकार
(ग) अपमा अलंकार (घ) अनुप्रास अलंकार
प्रश्न-3 'शत्रु की छाया' का क्या अर्थ है ?
प्रश्न-4 'जन गंगा में ज्चार से क्या अभिप्राय है ?
प्रश्न-5 अचल और अमर शब्दों के विपरीतार्थक शब्द लिखिए-

Answers

Answered by sutjeetkanwar
0

Answer:

,

छायाओं का डर है।

शोषण से है मृत समाज,

कमजोर हमारा घर है।

Answered by gabbardhanak7
0

Explanation:

पहरुए का शाब्दिक अर्थ पहरेदार है और अचल दीपक सामान्य में रूपक अलंकार है शत्रु की छाया का अर्थ है शत्रु का आप पर नजर रखना अचल शब्द का विपरीत शब्द चल है और अमर का मृत्यु

Similar questions