"आज जीत के रात,
पहरूए, सावधान रहना।
खुले देश के द्वार,
अचल दीपक समान रहना।
ऊँची हुई मशाल हमारी,
आगे कठिनं डगर है।
शत्रु हार गया, लेकिन उसकी,
छायाओं का डर है।
शोषण से है मृत समाज,
कमजोर हमारा घर है।
किन्तु आ रही नई जिन्दगी,
यह विश्वास अपर है।
जन गंगा में ज्वार,
लहर तुम प्रवद्यमान रहना,
पहरूए सावधान रहना।
उचित विकल्प द्वारा उत्तर चुनिए-
Answers
Answered by
0
Answer:
You have not putten the questions dearrr..
Answered by
0
Answer:
Good I like that ........
Similar questions
Computer Science,
1 month ago
Science,
1 month ago
Business Studies,
3 months ago
Computer Science,
9 months ago
Hindi,
9 months ago