आज जिधर देखो ,उधर ही विज्ञापन का बोलबाला है । इससे वस्तुओं की बिक्री तो बढ़ी है ,परंतु यह लोगों की जेब पर भारी पड़ रहा है | इसे ध्यान में रखकर अनुच्छेद लिखिए |
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आज विकास का पर्याय बन गया है। उत्पादन बढ़ने के कारण यह आवश्यक हो गया है कि उत्पादित वस्तुओ को उपभोक्ता तक पहुँचाया ही नहीं जाय बल्कि उसे उस वस्तु की जानकारी की दी जाय। वस्तुतः मनुष्य को जिन वस्तुओ की आवश्यकता होती है व उन्हें तलाश ही लेता इसके ठीक विपरीत उसे जिसकी जरूरत नहीं होती वह उसके बारे में सुनकर अपना समय खराब नहीं करना चाहता। इस अर्थ में विज्ञापन वस्तुओ को ऐसे लोगों तक पहुँचाने का कार्य करता है जो यह मान चुके होते है कि उन वस्तुओं की उसे कोई जरूरत नहीं है। आशय यह कि उत्पादित वस्तु को लोकप्रिय बनाने तथा उसकी आवश्यकता महसूस कराने का कार्य विज्ञापन करता है।
विज्ञापन अपने छोटे से संरचना में बहुत कुछ समाये होते है। आज विज्ञापन हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है।
किसी भी तथ्य को यदि बार-बार लगातार दोहराया जाये तो वह सत्य प्रतीत होने लगता है - यह विचार ही विज्ञापनों का आधारभूत तत्व है। विज्ञापन जानकारी भी प्रदान करते है। उदाहरण के लिए कोई भी वस्तु जब बाजार में आती है, उसके रूप - रंग - सरंचना व गुण की जानकारी विज्ञापनों के माध्यम से ही मिलती है। जिसके कारण ही उपभोक्ता को सही और गलत की पहचान होती है। इसलिए विज्ञापन हमारे लिए जरूरी है।