आज जवानी जागी फिर से
।
हर नाविक बलशाली है।
अपनी बगिया के फूलों का
रखवाला हर माली है।
प्रगति-पथ पर फिर से होगा,
आज सफल अभियान, हमारा गरजेगा जयगान।
जग में कायर बनकर हमकों,
जीना नहीं सुहाता है।
आज हमारे रोम-रोम से.
बस ये ही स्वर आता है।
रुक न सकेगा उठने वाला,
मनवाला तूफान, हमारा गूंजेगा जयगानkavi logo ko ky predna de raha h
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ye prarna de raha hai ki अब उठने वाला nahi Rukh सकता
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sorry writing in two languages
hope it helps you
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अब अपनी जीवन रूपी बगिया का सुंदर कैसा बना सकते हैं
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