Hindi, asked by dishibagrecha4, 4 months ago

आज की आधुनिक नारी प्राचीन काल की नारी से किस प्रकार भिन्न(अलग) है? उनकी तुलना
करते हुए अपने विचार 50 से 60 शब्दों में लिखिण​

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Answered by Rohitgahlawat
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Answer:

हमारे भारतीय समाज में नारी को बचपन से ही कुछ संस्कार दिए जाते है। और वो संस्कार उसे सहज कर रखना होता है। जैसे धीरे बोलों, किसी के सामने ज्यादा नहीं हसना, गंभीर बनो यानी समझदार बन कर रहना। उस बच्ची का बचपन न जाने किस अँधेरे कमरे में गुम हो जाता है। हमारा पुरूष प्रधान देश क्यु नहीं समझता कि नारी प्रकृति का अनमोल उपहार है। उसके मन में कुछ कोमल संवेदनाएँ होती है। जो उसे खुबसूरत बनाती है। वो एक ममता का रूप है और इस ममता रूपी नारी को हर रूप में हमेशा छल कपट ही मिला है। परन्तु आज की नारी इन सब बातो को छोड़कर काफी आगे निकल आई है।

आज नारी में आधुनिक बनने की होड़ लगी है। नारी के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ है, क्षेत्र में आगे बड़ रही है, बदल रही है और ये परिवर्तन सभी को देखने को मिल रहा है। पहले नारी का जीवन घर की चार दीवारों में ही बीत जाता था। चूल्हा-चौका करके और संतानोत्पति तक ही उसका जीवन सिमित था। विशेष रूप से नारी का एक ही कर्त्तव्य था। घर संभालना, उसे घर की इज्जत मान कर घर में ही परदे के पीछे रखा जाता था। उसे माँ के रूप में ,पत्नी के रूप में, पुत्री के रूप में,

आज नारी का कदम घर से बाहर की और बड़ गया है। पहले नारी के वस्त्रो पर ध्यान दिया जाता था नारी केवल साडी ही पहन सकती थी। मतलव अपने आप को उसे पूरी तरह से ढक कर रखना नारी का कर्य था। आज की नारी बहुत आगे निकल गई है उसकी वेशभूषा काफी बदल गयी है, वो अब अपनी मनचाही वेशभूषा के लिए स्वतंत्र है। परन्तु ज़्याद लोग और नारी स्यम अपनी आधुनिक वेशभूषा को और स्वच्छंद विचरण को ही नारी का आधुनिक होना मान रहे है। परन्तु स्वतंत्रता का अपनाना आधुनिकता नहीं है। नारी को शक्ति का प्रतिक माना जाता रहा है। और उसने अदम्य साहस का परिचय भी दिया है।

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