आज के माहौल में इतनी निराशा क्यों है क्या आप भी कभी कभी निराश हो जाते हैं अपने विचार कम से कम 100 शब्दों में लिखिए
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which subject questions replay to me now please
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good morning
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आज के माहौल में इतनी निराशा क्यों है क्या आप भी कभी कभी निराश हो जाते हैं
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दोस्तों, इस गाने की लाइंस उतनी ही सच्ची हैं जितनी हमारी ज़िन्दगी. ज़िन्दगी क्या है... एक इंसान के उतार-चढ़ाव भरे सफ़र का नाम ही है, 'ज़िन्दगी'. एक व्यक्ति के जीवन में सुख और दुःख दोनों ही आते हैं. वैसे भी अगर ज़िन्दगी में केवल खुशियां और सकारात्मकता ही होगी, तो ज़िन्दगी नीरस लगेगी. ख़ुशियों का एहसास भी तो दुःख के अंत के साथ ही होता है, वरना ख़ुशियों के कोई मायने ही नहीं होते. अगर सही मायनों में देखा जाए तो सुख और दुःख की तरह ही सकारात्मक और नकारात्मक सोच भी एक ही सिक्के के दो पहलू होते हैं. एक के बिना दूसरा अधूरा है. क्यों सही कहा न? लेकिन इसका ये मतलब बिलकुल भी नहीं है कि इस बात को सोच कर एक व्यक्ति को निराशावादी होना चाहिए. मतलब कि कोई भी व्यक्ति हमेशा पॉज़िटिव नहीं रह सकता है, पर वो ज़्यादातर समय पॉज़िटिव रह सकता है.
अगर आप कोशिश करें तो 100 में से 90 सिचुएशंस में पॉज़िटिव रह सकते हैं. ठीक उसी तरह जैसे काले घने बादलों के पीछे भी एक हल्की सी रौशन छिपी होती है, बस उसको देखने की नज़र चाहिए. अगर लगन हो तो कोई भी अपने लक्ष्यों, सपनों, अपनी महत्वाकांक्षाओं को आसानी से प्राप्त कर सकता है. बेशक आपने बहुत बुरे दिनों, परिस्थितियों का सामना किया होगा, पर भरोसा करिये अगर आप सकारात्मक सोच को अपनी आदत बनाएंगे, तो आप जल्दी ही उन बुरी यादों और विचारों से बाहर निकल पाएंगे. लेकिन अपने अंदर सकारात्मकता लाने के लिए प्रैक्टिस और मज़बूत इच्छाशक्ति ज़रूरी है. शुरुआत में आपको बहुत निराशा भी होगी और आपका मन करेगा कि नहीं हो रहा है, और इसे छोड़ने की कोशिश करेंगे, लेकिन आपको इसे छोड़ना नहीं है. हमेशा याद रखिये ये बात कि सुबह होने से पहले चारों और काला अंधेरा होता है.