आज काम्या के स्कूल में
खेल-दिवस है। वह सुबह जल्दी
उठी। झटपट नहा-धोकर तैयार
हो गई। वह बहुत खुश थी।
उसकी माँ ने उसे नाश्ता दिया।
काम्या ने नाश्ता भी झटपट कर
लिया। फिर पिता जी के साथ
बस-स्टैंड पहुँची। स्कूल बस भी
समय पर आ गई। बस में बैठे
सभी बच्चे खुश थे। आज उन्हें
बस्ता जो नहीं ले जाना था। कोई
पढ़ाई नहीं करनी थी। बस, मैदान
में खेल खेलने थे और
खेल देखने थे।
सभी बच्चे मैदान में पहुंच गए। तभी खेल-शिक्षक ने
सीटी बजाई। उनका नाम था-श्री राजीव पद्मनाभन।
तीसरी कक्षा की दौड़
होने वाली थी। यह मेढक-दौड़
थी। काम्या ने इस दौड़ में
भाग लिया। वह फुदक-फुदक
कर भागी। इस दौड़ में
प्रथम आई। यह देखकर सभी
बच्चों ने ज़ोर-ज़ोर से तालियाँ
बजाईं।
फिर चौथी कक्षा की दौड़
हुई। यह बोरी-दौड़ थी। इसमें
पैरों को बोरी में डालकर
दौड़ना था। कुछ बच्चे दौड़ते
हुए गिर रहे थे। देखने वाले
बच्चे उन्हें देखकर ज़ोर-ज़ोर
से हँसने लगे।फिर पाँचवीं कक्षा की भी
दौड़ हुई। यह दौड़ चम्मच और नींबु वाली दौर थी।
बच्चों ने नींबू चम्मच के ऊपर रखा। फिर चम्मच मुहँ में लेकर दौरे। बार बार सबके नींबु गिर रहे थे। उन्हें देखकर
बड़ा आनंद आ रहा था। यह सबसे मज़ेदार दौड़ थी।
बहुत-से बच्चों ने इनाम जीते। काम्या को भी प्रथम इनाम मिला था। यह
देखकर उसके माता-पिता की खुशी का ठिकाना न रहा।
questions:
मौखिक प्रश्न
1. किसने सीटी बजाई ?
2. खेल-शिक्षक का नाम क्या था ?
3. फुदक-फुदककर कौन भागी?
4. चौथी कक्षा के बच्चे दौड़ते हुए बार-बार गिर
क्यों रहे थे?
मौखिक प्रश्न
5. बोरी दौड़ में क्या होता है?
6. पाँचवीं कक्षा के बच्चे कौन-सी दौड़ लगा रहे थे?
7. काम्या के माता-पिता खुश क्यों हुए
please answer all, if not then 4 and 5
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Explanation:
खेल शिक्षक ने सिटी बजाए
श्री राजीव पद्मनाभम
काम्या पदक पदक कर भागी
यह बोरी दौड़ थी इसमें बोरी में पैर डालकर कूदना होता है और इस वजह से कई बच्चे गिर रहे थे और उन पर दूसरे बच्चे हंस रहे थे
बच्चों को बोरी में पैर डालकर कूदना होता है
पांचवी कक्षा के बच्चे लिंबू चम्मच की दौड़ लगा रहे थे
काम्या को प्रथम इनाम मिला था यह देखकर काम्या के माता-पिता खुश हो रहे थे
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