आज की नारी पुरुष पर भारी विषय पर वाद-विवाद के लिए पक्ष या विपक्ष में अपने विचार 300 शब्दों में प्रकट करें|
Answers
Answer:
महिलाएं आज न केवल अपने परिवार को संभाल रही हैं, बल्कि साथ ही साथ उन्हें आर्थिक रूप से भी मजबूत कर रही हैं. लेकिन उनके मजबूत हौंसलों को कहीं न कहीं समाज के कुछ अपवाद बुलंद नहीं होने दे रहे हैं. महिलाओं को स्वतंत्रता तो मिल गई किंतु आज भी उसे वह सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जा सकी, जिसकी वह हकदार है. महिलाएं न केवल सृष्टि का विस्तार करती हैं बल्कि समाज को आईना भी दिखाती हैं. सीमा पर देश की रक्षा के लिए तैनात बहादुर जवानों को अपने खून से सींचती हैं. ताकि कोई भी हमारे देश का बाल भी बांका न कर सकें.
इन सबके बावजूद इतनी सहनशील और त्याग की प्रतिमा को हमारा समाज सृष्टि में नहीं आने देता और गर्भ में ही उसकी हत्या कर महापाप का भागी बन जाता है. लड़के की चाह में इस जघन्य कृत्य को अंजाम देने वालों को कौन समझाए कि जब बेटी ही नहीं रहेगी, तो बेटा कहां से पाओगे. भ्रूण हत्या, बलात्कार और दहेज उत्पीड़न हमारे समाज का वह कटु सच है, जो हमेशा हमें शर्मिंदा करता है.
कुछ दरिंदे मासूमों को भी अपनी हवस का शिकार बना लेते हैं. उन्हें उनके निश्चल भाव को देखकर तनिक भी संवेदना नहीं प्रकट होती. क्या महिलाएं केवल उपभोग की वस्तु मात्र हैं? नहीं. वह आज राजनीति, फिल्म, फैशन, खेल जगत, मीडिया, यूनिवर्सिटी में पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं. वह चांद पर पहुंच गई हैं. विदेशों में जाकर अपने देश का नाम रोशन कर रही हैं. फिर चाहे वह प्रियंका चोपड़ा, दीपिका पादुकोण, सुषमा स्वराज, सायना नेहवाल या फिर सानिया मिर्जा हो.
Explanation: