आज के और पहले के समय में हिंदी की क्या दूर दशा हुई है l 100-120 words
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हिंदी भाषा को राष्ट्र भाषा बनाने के लिए और इसकी महत्ता को बताने के लिए भारत के नेताओं और साहित्यकारों ने इसके बारे में काफी कुछ लिखा है. पढ़ें हिंदी भाषा के बारे में लिखी गई शानदार 15 पंक्तियां....
1. राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है: महात्मा गांधी
2. मैं दुनिया की सभी भाषाओं की इज्जत करता हूं पर मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, यह मैं सह नहीं सकता: आचार्य विनोबा भावे
3. जिस देश को अपनी भाषा और साहित्य का गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता: डॉ. राजेंद्र प्रसाद
4. हमारी नागरी लिपी दुनिया की सबसे वैज्ञानिक लिपी है: राहुल सांकृ्त्यायन
5. हिंदी हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम स्त्रोता है: समित्रानंदन पंत
6. सभी भारतीय भाषाओं के लिए यदि कोई एक लिपी आवश्यक है तो वो देवनागरी ही हो सकती है: जस्टिस कृष्णस्वामी अय्यर
7. हिंदी का प्रचार और विकास कोई रोक नहीं सकता: पंडित गोविंद बल्लभ पंत
8. हिंदी भारतीय संस्कृति की आत्मा है: कमलापति त्रिपाठी
9. राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना देश की उन्नति के लिए आवश्यक है: महात्मा गांधी
10. 'हिंदी का प्रश्न स्वराज्य का प्रश्न है': महात्मा गांधी
11. 'यद्यपि मैं उन लोगों में से हूँ, जो चाहते हैं और जिनका विचार है कि हिंदी ही भारत की राष्ट्रभाषा हो सकती है': लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
12. हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा तो है ही, यही जनतंत्रात्मक भारत में राजभाषा भी होगी: सी. राजगोपालाचारी
13. प्रान्तीय ईर्ष्या–द्वेष को दूर करने में जितनी सहायता इस हिंदी प्रचार से मिलेगी, उतनी दूसरी किसी चीज़ से नहीं मिल सकती: सुभाषचंद्र बोस
14. हिंदी किसी एक प्रदेश की भाषा नहीं बल्कि देश में सर्वत्र बोली जाने वाली भाषा है: विलियम केरी
15. हिंदी आम बोलचाल की 'महाभाषा' है: जॉर्ज ग्रियर्सन
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